हुजूर! मासूमों के लिए ‘कहर न बन जाए ‘तीसरी लहर
जहांगीरगंज। देश में कोरोना की तीसरी लहर के आने की आशंका तमाम विशेषज्ञों...
जहांगीरगंज। देश में कोरोना की तीसरी लहर के आने की आशंका तमाम विशेषज्ञों द्वारा जताई जा रही है। स्वास्थ्य क्षेत्र के जानकारों द्वारा तीसरी लहर में सबसे अधिक संकट मासूमों पर आने की बात कही जा रही है। ऐसे में जिले के पूर्वांचल में कुपोषण के शिकार हजारों मासूमों की सांसों पर संकट मंडरा रहा है।
जी हां! अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो जिले के पूर्वांचल में स्थित आलापुर तहसील क्षेत्र में कुपोषण के शिकार लगभग पांच हजार बच्चों की सांसों पर संकट आ सकता है। तहसील क्षेत्र के जहांगीरगंज और रामनगर विकास क्षेत्र में कुपोषित और अतिकुपोषित 5 हजार बच्चों के तीसरी लहर के जोखिम आने की प्रबल सम्भावना है। कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के चलते इन बच्चों पर कोरोना वायरस अधिक घात कर सकता है। कुपोषण के शिकार इन बच्चों को तीसरी लहर के जोखिम से बचाना बड़ी चुनौती है। क्योंकि तहसील क्षेत्र के छह साल तक के 5 हजार मासूम सबसे अधिक जोखिम में है। इनमें खून की कमी यानि एनीमिया से पीड़ित हैं। कुपोषित और अति कुपोषित इन बच्चों का वजन सामान्य बच्चों से कम है। आलापुर तहसील क्षेत्र में अति कुपोषित बच्चों की संख्या लगभग साढ़े छह सौ है। इनको पौष्टिक आहार के साथ-साथ इलाज की भी जरूरत है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों का पंजीकरण किया जाता है। छह महीने से तीन साल तक के बच्चे सेंटर पर नहीं बुलाए जाते। जबकि तीन साल से छह साल के बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र आकर खेल-खेल में पढना-लिखना सीखते हैं। तहसील क्षेत्र आलापुर के जहांगीरगंज विकास खण्ड के कुल 258 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 23 हजार 974 बच्चों का पंजीकरण है। रामनगर विकास खण्ड के 250 आंगनबाड़ी केंद्रों पर कुल पंजीकृत बच्चे 37 हजार 797 हैं। जहांगीरगंज विकास खण्ड में कुपोषित बच्चों की संख्या 2 हजार 436 और अतिकुपोषित बच्चे 420 हैं। रामनगर विकास खण्ड में कुल कुपोषित बच्चों की संख्या 1738 और अतिकुपोषित बच्चों की संख्या 219 है।
बच्चों के सेहत की जांच करती है टीम: आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्वास्थ्य विभाग की टीम बच्चों की सेहत की जांच करती है। उनका वजन किया जाता है। जरूरी दवाएं दी जाती हैं। तहसील क्षेत्र के 508 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत करीब साढ़े छह सौ बच्चों की खराब हालत है, जो अतिकुपोषित हैं। एनीमिया के साथ कई और बीमारियों की जद में हैं। इन बच्चों को लाल घेरे में रखा गया है। कोरोना की तीसरी लहर का सबसे अधिक खतरा इन बच्चों को होने की आशंका है। डाक्टरों के मुताबिक कुपोषित बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। ये बच्चे किसी भी वायरस के शिकार हो सकते हैं। ऐसे में समय रहते इन कुपोषित बच्चों को तीसरी लहर के प्रकोप से बचाने के लिए उपाय करने की जरूरत है।
कुपोषित बच्चों के आहार की मॉनीटरिंग बढ़ी: सीडीपीओ विनोद कुमार ने बताया कि कुपोषण को खत्म करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। शासन से मिलने वाला ड्राई राशन लाभार्थियों के घरों तक पहुंचने की निगरानी की जा रही है। क्रास चेकिंग हो रही है। ताकि बच्चों को पौष्टिक आहार मिल सके। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए सभी आंगनबाड़ी वर्कर को अलर्ट किया गया है। कुपोषण के शिकार बच्चों के लिए जो भी दिशा निर्देश आएंगे उनका कड़ाई से पालन कराया जाएगा।
आलापुर तहसील क्षेत्र में कुपोषित बच्चे एक नजर में
कुल आंगनबाड़ी केंद्र-508
पंजीकृत बच्चों की संख्या-61771
कुपोषित बच्चों की संख्या-4174
अतिकुपोषित बच्चों की संख्या-639
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