निषादराज ने गंगापार की उतराई में मांगा भव सागर से पार करना
अम्बेडकरनगर में भगवान श्रीराम की लीलाओं का मंचन हो रहा है। राम, लक्ष्मण और जानकी ने निषादराज से गंगा पार कराने की प्रार्थना की। भरत और शत्रुघ्न ने अयोध्या में दशरथ के निधन पर शोक व्यक्त किया। गुरुदेव...
अम्बेडकरनगर, संवाददाता। नगर में भगवान श्रीराम की लीलाओं का मंचन जारी है। समितियों की ओर से मनोहारी मंचन किया जा रहा है। कहीं भरत का राम से मिलन हुआ तो कहीं पुत्र मोह में दशरथ ने दम तोड़ दिया। नगर के श्रीसतगुरु कृपा रामलीला समिति शहजादपुर की ओर से बुधवार की रात में निषादराज के राम को गंगा पार कराने और भरत के राम को मनाने चित्रकूट जाने का मंचन हुआ। भगवान राम, लक्ष्मण और जानकी सहित गंगा घाट पर पहुंचे और निषादराज से गंगा पार करवाने को कहा। उसने कहा कि प्रभु हमारी दो शर्ते हैं। पहली यह कि बिना आपके चरण को धोए हम आपको अपनी नौका में नहीं बैठाएंगे। दूसरी यह कि पार पहुंचने के बाद आप हमे इसका पारिश्रमिक नहीं देगे और न ही हम लगे। प्रभु श्री राम ने निषादराज की दोनो शर्ते स्वीकार कर लिया। उसने राम, लक्ष्मण तथा जानकी को नौका में बिठा कर गंगा के पार पहुंचा दिया। वहीं से भगवान चित्रकूट पहुंचे तथा परम वैज्ञानिक ऋषि अत्रि और प्रकांड साध्वी तथा पतिव्रता उनकी पत्नी माता अनुसूया से शिक्षा प्राप्त की। दूसरी तरफ महाराजा दशरथ के मृत्यु का संदेश मिलते ही भरत और शत्रुघ्न अयोध्या पहुंचे और संपूर्ण अयोध्या को शोकाकुल देखकर भरत शोक सागर में डूब गए। गुरु वशिष्ठ के ज्ञानोपदेश से प्रभावित होकर उन्होंने अपने पिता महाराजा दशरथ का पूर्ण विधि विधान से अंतिम संस्कार किया। भरत की इच्छाशक्ति के आगे गुरुदेव वशिष्ठ तीनों माताएं तथा समस्त नगर वासियों को भरत की बात माननी पड़ी और एक दल के रूप में गुरु वशिष्ठ और सुमंत्र के नेतृत्व में भगवान राम को मनाकर अयोध्या लाने के लिए चित्रकूट के लिए चल दिए। लीला में अवधेश कुमार मेहरोत्रा ने निषादराज, शिवम मेहरोत्रा ने निषाद राज के पुत्र, ओम कपूर ने राम, प्रवीण कपूर ने लक्ष्मण की भूमिका निभाई।
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