गर्मी बढ़ने के साथ ही शुरू हो गई पीने के पानी की किल्लत
भीटी। लगातार बढ़ रही गर्मी से कस्बे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में दिन प्रतिदिन पीने...
भीटी। लगातार बढ़ रही गर्मी से कस्बे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में दिन प्रतिदिन पीने के पानी की किल्लत बढ़ती जा रही है। विकासखंड क्षेत्र के विभिन्न गांव में 50 फीसदी से अधिक हैंडपंप पानी देने में स्वयं को अक्षम पा रहे हैं। सबसे ज्यादा भीटी क्षेत्र के दक्षिणी इलाके में पेयजल की भीषण समस्या उत्पन्न हो रही है। जल स्तर नीचे होने के कारण लगे हुए सरकारी हैंडपंपों से रिस-रिस कर पानी बूदों के रूप में टपक रहा है। जिसके कारण लोगों को दूषित पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार भीटी विकासखंड में सरकार द्वारा तीन हजार इंडिया मार्का हैंडपंप स्थापित किए गए हैं। इसके उपरांत भी जल स्तर की समस्या के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के लोग शुद्ध पेयजल के लिए कठिनाई झेल रहे हैं। लोगों का कहना है कि भीषण गर्मी शुरू होने के बाद से ही क्षेत्र में जल स्तर में तेजी से गिरावट आ रही है, जिसके कारण भीटी क्षेत्र के दक्षिण उत्तर में स्थित बथुआ चन्दौका, बेला, बौरे, पमोली तेरिया, रामपुर गिरेंट, रानीपुर उमरावा, बनगांव, संम्मनपुर छितौनी , दहेमा, पूरे दरबार सहित दो दर्जन से अधिक गांव तथा मजरो में जलस्तर अपने निचले पायदान पर पहुंचना शुरू हो गया है। परिणाम यह हो रहा है कि लगे हुए हैंडपंप अब पानी देने में स्वयं को सक्षम नहीं पा रहे हैं। काफी देर तक हैंडपंप को चलाने के बाद भी बूंद बूंद कर पानी निकल रहा है। परिणाम स्वरूप लोगों को प्रदूषित पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। सहायक विकास अधिकारी पंचायत रामबरन भीटी ने बताया कि 35 हैंडपंप आज भी खराब पड़े हैं। जबकि 70 हैंडपंपों को रीबोर करके चलाया गया है। आठ हैंडपंपों का रिबोर किया जाना प्रस्तावित है।
हैंडपंपों के रिबोर के नाम पर खेल :
सरकार द्वारा आमजन को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए इंडिया मार्का दो हैंडपंपों को दुरुस्त करने का फरमान जारी किया गया है। परंतु शासन की इस फरमान की आंड़ में रिबोर का तथाकथित धंधा जोर शोर से चल रहा है एक हैंडपंप के रिबोर में शासन द्वारा 33 हजार खर्च किए जाने का आवंटन किया गया है। इसी की आड़ में बिना रिबोर किए ही बिल बाऊचर लगाकर बड़े पैमाने पर धना दोहन किया जा रहा है जो जांच का विषय है।
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