फल, लकड़ी और ऑक्सीजन के साथ रुपए भी देंगे पेड़, कार्बन क्रेडिट से कमाएंगे यूपी के किसान
- जल्द ही पेड़ फल, लकड़ी और ऑक्सीजन के अलावा रुपये भी देंगे। कानपुर समेत सात मंडलों के उन किसानों को लाभ मिलेगा, जिनके पास न्यूनतम 25 बड़े पेड़ हैं। पेड़ कार्बन सोख कर पर्यावरण शुद्ध करते हैं, लिहाजा किसानों को इसका इनाम मिलने जा रहा है।
जल्द ही पेड़ फल, लकड़ी और ऑक्सीजन के अलावा रुपये भी देंगे। कानपुर समेत सात मंडलों के उन किसानों को लाभ मिलेगा, जिनके पास न्यूनतम 25 बड़े पेड़ हैं। यह पेड़ कार्बन सोख कर पर्यावरण शुद्ध करते हैं, लिहाजा किसानों को इसका इनाम मिलने जा रहा है। पांच साल में एक बार इन किसानों को 300 रुपये प्रति पेड़ का भुगतान होगा। इसके लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने दो कंपनियों से एमओयू साइन किया है।
क्योटो प्रोटोकॉल में स्वच्छ विकास प्रक्रिया (सीडीएम) का प्रावधान है। इसके अनुसार ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने के लिए किसानों को पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। पहले चरण में यह योजना गोरखपुर, बरेली, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद और सहारनपुर मंडलों में लागू की जा चुकी है। अब इसे कानपुर, देवीपाटन, अयोध्या, झांसी, मिर्जापुर, वाराणसी और अलीगढ़ मंडलों में शुरू किया जा रहा है।
सिंगापुर की कंपनी करेगी कार्बन क्रेडिट व्यापार
लखनऊ में प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने टेरी (द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट) और सिंगापुर की कंपनी वैल्यू नेटवर्क वेंचर्स प्राइवेट से एमओयू साइन किया है। वैल्यू के पास ज्यादा कार्बन उत्सर्जन कर रही कंपनियों की सूची है। ऐसी कंपनियां अगर कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए कार्बन क्रेडिट नहीं करतीं हैं, तो उन पर ताला लटक जाएगा। सिंगापुर की कंपनी भारत के किसानों से कार्बन क्रेडिट खरीदकर उसे दुनियाभर की कंपनियों को बेचेगी।
40 साल का प्रोजेक्ट, बदलेगा तस्वीर
केंद्र सरकार ने 2070 तक देश को कार्बन उत्सर्जन शून्य बनाने का लक्ष्य रखा है। कार्बन क्रेडिट इसी की पहल है। इसके लिए किसानों को तेजी से बढ़ने वाले पौधे जैसे पापुलर, मीलिया डूबिया व सेमल आदि लगाने होंगे। 40 साल के प्रोजेक्ट के तहत किसानों का पंजीयन कंपनी करेगी। हर पांच साल में कार्बन क्रेडिट का लाभ मिलेगा। पांच साल में पेड़ कटवा कर दोबारा उतने ही पेड़ लगाने पर पंजीयन वैध रहेगा। विश्व की जो भी कंपनी कार्बन क्रेडिट खरीदेगी, उसका प्रमाण पत्र किसान को मिलेगा। एक टन कार्बन डाईऑक्साइड अवशोषित करने पर एक कार्बन क्रेडिट मिलेगा। किसान ज्यादा पेड़ लगाते हैं तो उससे पर्यावरण सुधरेगा। कार्बन क्रेडिट मिलेगा। देश में लकड़ी के आयात की जरूरत घटेगी। कानपुर में महज दो प्रतिशत भूभाग पर हरियाली है।
पांच कार्बन पूल
पेड़ से गिरी पत्तियां और शाखें, जड़ें, पेड़ का जमीन के ऊपर का हिस्सा और पेड़ के नीचे 30 सेंमी गहराई तक मिट्टी
कार्बन क्रेडिट जोड़ने का यह है फार्मूला
10 टन के पेड़ में तकरीबन 4.7 टन कार्बन होता है। कार्बन की वैल्यू बायोमास में निकालते हैं। कार्बन का एटॉमिक बेस 12 और ऑक्सीजन का एटॉमिक बेस 16 होता है। कार्बन डाई ऑक्साइड में ऑक्सीजन के दो मालीक्यूल हैं, लिहाजा ऑक्सीजन का एटॉमिक बेस 32 जोड़ा जाएगा। एक कार्बन डाई ऑक्साइड मालीक्यूल का एटॉमिक बेस दोनों को जोड़ कर 44 होगा। इसमें कार्बन के 12 एटॉमिक बेस से भाग देंगे तो 3.67 आएगा। इसमें पेड़ में कुल कार्बन 4.7 टन से गुणा कर देंगे 17.249 कार्बन क्रेडिट होगा।
क्या बोले मुख्य वन संरक्षक
मुख्य वन संरक्षक केके सिंह ने कहा कि कार्बन क्रेडिट के जरिए किसान पेड़ों से कमाई कर सकेंगे। प्रति पेड़ औसतन 300 रुपये किसान को मिलेंगे। अब यह योजना कानपुर मंडल में भी लागू हो गई है। मंगलवार को प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने इसका एमओयू भी साइन किया है।
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