झटका : इलाहाबाद में 1 लाख शिक्षा प्रेरकों का अनुबंध खत्म,क्या है मामला

साक्षर भारत मिशन के तहत संविदा पर कार्यरत प्रदेशभर के एक लाख शिक्षा प्रेरकों का अनुबंध समाप्त कर दिया गया है। निदेशक साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा और सचिव राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण अमरनाथ वर्मा ने...

इलाहाबाद, हिन्दुस्तान टीम Fri, 29 Dec 2017 05:42 PM
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साक्षर भारत मिशन के तहत संविदा पर कार्यरत प्रदेशभर के एक लाख शिक्षा प्रेरकों का अनुबंध समाप्त कर दिया गया है। निदेशक साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा और सचिव राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण अमरनाथ वर्मा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को बुधवार को जारी पत्र में जिला समन्वयक, ब्लाक समन्वयक या प्रेरकों की संविदा 31 दिसम्बर के बाद नहीं बढ़ाने के आदेश दिए हैं।प्रदेश के 65 जिलों में साक्षर भारत मिशन संचालित है।

इसके तहत 49921 लोक शिक्षा केंद्रों पर 99482 शिक्षा प्रेरक कार्यरत हैं। प्रेरकों को प्रतिमाह दो हजार रुपये मानदेय मिलता है। इनके अलावा जिले एवं ब्लाक में तकरीबन एक हजार समन्वयक कार्यरत हैं। योजना समाप्त होने पर ये सभी संविदाकर्मी बेरोजगार हो जाएंगे। इससे पहले सितम्बर में ही योजना बंद करने का आदेश जारी हुआ था लेकिन दबाव पड़ने पर 31 दिसम्बर तक समयावृद्धि कर दी गई थी।

लेकिन 31 दिसम्बर के बाद योजना संचालित करने की अनुमति केंद्र सरकार से नहीं मिली है। लिहाजा 31 दिसम्बर के बाद किसी मद में कोई खर्च न किया जाए।साक्षरता मिशन को पलीता: जानकारों का मानना है कि शिक्षा प्रेरकों को हटाने से साक्षरता मिशन को पलीता लगेगा। शिक्षा प्रेरकों का काम 15 साल से अधिक उम्र के लोगों को साक्षर बनने के लिए प्रेरित करना है। इनके हटने के बाद से निरक्षर लोगों को शिक्षा की मुख्य धारा में जोड़ने की मुहिम प्रभावित होगी। इलाहाबाद में 2633 शिक्षा प्रेरक कार्यरत हैं।

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