खैर सीट पर बिछी राजनीतिक बिसात, भाजपा, सपा, बसपा में मुकाबला
खैर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। भाजपा ने सुरेन्द्र दिलेर को टिकट दिया है, जबकि सपा ने डा. चारू कैन को प्रत्याशी बनाया है। बसपा ने डा. पहल सिंह को मैदान में उतारा है। तीनों प्रमुख...
खैर सीट पर बिछी राजनीतिक बिसात, भाजपा, सपा, बसपा में मुकाबला -भाजपा ने दिलेर परिवार की तीसरी पीढ़ी में सुरेन्द्र दिलेर को दिया टिकट
-बसपा व कांग्रेस छोड़कर सपा ज्वाइन करने वाली डा. चारू बनी प्रत्याशी
-पूर्व में कांग्रेस के खैर सीट के कांग्रेस के खाते में जाने की थी चर्चा
फोटो-
जातिगत समीकरण
405113 कुल मतदाता
01 लाख जाट
60 हजार एससी
70 हजार ब्राहाम्ण
35 हजार मुस्लिम
30 हजार ठाकुर
20 हजार वैश्य
अलीगढ़। वरिष्ठ संवाददाता। खैर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए राजनीतिक बिसात बिछ चुकी है। गुरूवार को प्रत्याशियों की घोषणा के बाद अब भाजपा, सपा व बसपा चुनावी मैदान में हैं। बीते दिनों से जिस तरह से कयास लगाए जा रहे थे। उस पर ही अमल करते हुए भाजपा ने दिलेर परिवार की तीसरी पीढ़ी में सुरेन्द्र दिलेर को टिकट दिया है। वहीं बसपा व कांग्रेस के बाद सपा में पहुंच साइकिल की सवारी करने वाली डा. चारू कैन को सपा ने चुनावी मैदान में उतारा है। हालांकि पूर्व में यह सीट कांग्रेस के खाते में जाने की चर्चा थी। जिसके चलते चारू ने कांग्रेस की भी सदस्यता ली थी। तीसरे प्रत्याशी के रूप में बसपा ने डा.पहल सिंह को प्रत्याशी बनाया है। अब तीनों प्रमुख प्रत्याशी शुक्रवार यानि आज नामांकन करेंगे।
भाजपा प्रत्याशी सुरेन्द्र दिलेर का दावा खैर विस सीट से इसलिए भी मजबूत था क्योंकि बीते दिनों उनके पिता राजवीर दिलेर मृत्यु के बाद सीएम योगी ने सहानुभूति बतौर उपचुनाव में टिकट दिए जाने का दिलासा दिया था। दूसरी वजह सुरेन्द्र के परिवार की राजनीतिक विरासत के चलते भी टिकट मिलना तय माना जा रहा था। बाबा किशनलाल दिलेर व पिता राजवीर के बाद तीसरी पीढ़ी के रूप में सुरेन्द्र पार्टी से जुड़े हुए हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों व संगठन के स्तर से भी शीर्ष नेतृत्व को फीडबैक दिलेर परिवार के पक्ष में ही दिया गया था।
सपा ने डा. चारू कैन को प्रत्याशी घोषित कर चौंकाने का काम किया। दरअसल बीते दिनों जब खैर सीट के सपा-कांग्रेस गठबंधन के चलते कांग्रेस के खाते में जाने की चर्चा तेज हुई तो चारू ने दिल्ली जाकर कांग्रेस की सदस्यता ली थी। टिकट वितरण से पहले बुधवार को जब सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सभी नौ सीटों पर लड़ने का ऐलान किया तो चारू कैन ने भी रातों-रात लखनऊ पहुंचकर सपा की सदस्यता ले ली। जिसके बाद बाद ही पार्टी ने उन्हें खैर सीट से प्रत्याशी घोषित कर डाला। चारू 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा से चुनाव भी लड़ चुकी है। तब वह दूसरे स्थान पर रहीं थीं।
वहीं बसपा ने डा. पहल सिंह को प्रत्याशी बनाया है। वामसेफ से जुड़े रहने वाले डा. पहल सेवानिवृत चिकित्साधिकारी होने के साथ ही बसपा के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं। पहली बार बसपा ने टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है।
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पार्टी के सर्मपित कार्यकर्ता के रूप में सुरेन्द्र दिलेर को संगठन ने चुनावी मैदान में उतारा है। इस परिवार का जनसंघ से लेकर भाजपा तक में बड़ा योगदान रहा है। पूरी मजबूती के साथ चुनाव लडा जाएगी।
-शिवनारायण शर्मा, जिला महामंत्री, भाजपा
वामसेफ व बसपा के सेवक व कार्यकर्ता के रूप में पार्टी ने डा. पहल सिंह को प्रत्याशी बनाया है। निश्चित ही इस उपचुनाव में बसपा जीत दर्ज कराएगी।
-अशोक कुमार, मंडल कोर्डिनेटर, बसपा
चारू कैन को सपा ने प्रत्याशी घोषित किया है। राजनीति में वह काफी समय से सक्रिय रही हैं। शुक्रवार को पार्टी के वरिष्ठजनों के साथ नामांकन किया जाएगा।
-लक्ष्मी धनगर, जिलाध्यक्ष, सपा
0-कब, कौन बना विधायक
- 1952 में कांग्रेस से मोहनलाल गौतम (टप्पल, खैर, चंडौस, जवां संयुक्त विधानसभा क्षेत्र)
- 1957 में कांग्रेस से चौ. देवदत्त सिंह (टप्पल विधानसभा क्षेत्र बना)
- 1962 में निर्दलीय चौ. महेंद्र सिंह
- 1967 में कांग्रेस से चौ. प्यारेलाल (खैर विधानसभा क्षेत्र बना)
- 1969 में भारतीय क्रांति दल से चौ. महेंद्र सिंह
- 1974 में कांग्रेस से चौ. प्यारेलाल
- 1977 में जेएनपी से चौ. प्यारेलाल
- 1980 में कांग्रेस से चौ. शिवराज सिंह
- 1985 में लोकदल से चौ. जगवीर सिंह
- 1989 में जनता दल से चौ. जगवीर सिंह
- 1991 में बीजेपी से चौ. महेंद्र सिंह
- 1993 में जनता दल से चौ. जगवीर सिंह
- 1996 में भाजपा से ज्ञानवती सिंह पुत्री चौ. चरण सिंह
- 2002 में बसपा से प्रमोद गौड़
- 2007 में रालोद से चौ. सत्यपाल सिंह
- 2012 में रालोद से भगवती प्रसाद सूर्यवंशी
- 2017 में भाजपा से अनूप प्रधान
- 2022 में भाजपा से अनूप प्रधान
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