अब कृषि भूमि पर आबादी घोषित कराना नहीं होगा आसान
अब कृषि भूमि को आबादी घोषित करना आसान नहीं होगा। प्राधिकरण की अनुमति के बिना अब खेती की जमीन पर निर्माण नहीं किया जा सकेगा। बिल्डर और कॉलोनाइजर्स को अब विकास प्राधिकरण से एनओसी लेनी होगी। इस नए...
अब कृषि भूमि पर आबादी घोषित कराना नहीं होगा आसान -अब तक बिल्डर, कॉलोनाइजर्स तहसील से करा लेते थे धारा-143
-प्राधिकरण के मास्टर प्लान में भू-उपयोग की जांच नहीं कराई जाती थी
-अब प्राधिकरण की अनुमति के बाद ही एसडीएम कृषि भूमियों को गैर कृषि कर पाएंगे
अलीगढ़। वरिष्ठ संवाददाता। खेती की जमीन किसान से लेकर एसडीएम स्तर से आबादी घोषित कराना अब आसान नहीं होगा। शहरों में स्थित खेती की जमीन पर अवैध तरीके से हो रही प्लाटिंग को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से एक बड़ा फैसला लिया गया है। अब कृषि जमीन पर निर्माण कार्य से पहले संबंधित विकास प्राधिकरण से एनओसी लेनी होगी। इस संबंध में प्रमुख सचिव आवास पी. गुरुप्रसाद के स्तर से आदेश जारी किया गया है।
अलीगढ़ में तमाम ऐसे निर्माण हो गए, जिनकी भूमि का भू-उपयोग कृषि है और उस पर भू-उपयोग के विपरीत प्लॉटिंग कर दी गई। तो कहीं व्यवसायिक व आवासीय निर्माण कर लिए गए। दरअसल अब तक बिल्डर व कॉलोनाइजर्स किसान से जमीन लेकर तहसील में एसडीएम के स्तर से धारा-143 (कृषक भूमि पर आबादी घोषित) करवा लेते थे। जबकि प्राधिकरण के स्तर पर तैयार मास्टर प्लान में भू-उपयोग की जांच ही नहीं कराई जाती थी। अब ऐसा नहीं हो सकेगा। इसके तहत प्रमुख सचिव आवास पी गुरुप्रसाद की ओर से जारी शासनादेश में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि खेती की जमीन पर निर्माण कराने से पहले संबंधित विकास प्राधिकरण से एनओसी लेनी होगी। इसको अब अनिवार्य किया गया है। साथ ही बिना इजाजत के हो रहे कार्यों को तत्काल रोकने के लिए भी कहा है।
0-बिना इजाजत निर्माण पर होगा एक्शन
आदेश के अनुसार विकास प्राधिकरण और विशेष विकास क्षेत्र के तहत अगर किसी खेती की जमीन पर कोई निर्माण कार्य किया जाएगा तो उसके लिए अब अनुमति लेनी होगी। अब बिना अनुमति के लोग निर्माण कार्य नहीं कर पाएंगे। यानि प्राधिकरण के मास्टर प्लान से बाहरी क्षेत्र में भी अब एडीए से एनओसी लेनी होगी।
0-भूमाफियाओं पर लगेगी लगाम
आदेश के अनुसार जिले के डीएम और कमिश्नर को खेती की जमीन पर निर्माण से पहले अनुमति देने के लिए विकास प्राधिकरण के एनओसी को चेक करना जरूरी होगा। अगर एनओसी नहीं मिली होगी तो निर्माण करने की इजाजत नहीं दें पाएंगे। वहीं सरकार के इस फैसले से भूमाफियाओं पर लगाम लग सकेंगी साथ ही प्राधिकरण क्षेत्रों में हो रहे अवैध निर्माण पर भी रोक लग सकेगी।
0-वर्जन
अभी शासनादेश प्राप्त नहीं हुआ है। शासनादेश का अध्धयन करने के बाद ही कुछ स्पष्ट कहा जा सकता है। अभी तक जो क्षेत्र प्राधिकरण के दायरे में नहीं आता है। वहां प्राधिकरण से कोई एनओसी की जरूरत नहीं होती थी। अब शासनादेश से पता चलेगा कि क्या बदलाव किया गया है।
-अर्पूवा दुबे, एडीए वीसी
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