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हिन्दुस्तान पड़ताल: हिस्से में हेक्टेयर में भूमि पर खतौनी में शून्य अंश दर्शाई, अब होगा सुधार

Aligarh News - हिन्दुस्तान की पड़ताल में सामने आया है कि जिले में रियल टाइम खतौनियों में बड़े पैमाने पर गलतियां हुई हैं। कई किसानों को भूमिहीन दिखाया गया है जबकि कुछ छोटे जोत वाले किसानों को बड़ी जोत का मालिक बताया...

Newswrap हिन्दुस्तान, अलीगढ़Thu, 30 Jan 2025 09:07 PM
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हिन्दुस्तान पड़ताल: हिस्से में हेक्टेयर में भूमि पर खतौनी में शून्य अंश दर्शाई, अब होगा सुधार

हिन्दुस्तान पड़ताल: हिस्से में हेक्टेयर में भूमि पर खतौनी में शून्य अंश दर्शाई, अब होगा सुधार -रियल टाइम खतौनियों के अंश निर्धारण में जिले भर में बड़े पैमाने पर दर्ज हुईं गलतियां

-कहीं बड़ी जोत के किसान भूमिहीन तो कहीं छोटी जोत वाले कई हेक्टेयर के मालिक

-जिले की पांचों तहसीलों में 1231 गांव की तैयार हुईं थीं रियल टाइम खतौनियां

केस-1

भरतरी गांव में गाटा संख्या 69 में रकबा 2.25 हेक्टेयर व गाटा संख्या 82 में 2.45 हेक्टेयर भूमि दर्ज की गई है। इसमें कई लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं, लेकिन इनमें अंश निर्धारण को गलत कर दिया गया है।

केस-1

कोल तहसील के बाढौन में गाटा संख्या 441 का कुल रकबा 1.06 हेक्टेयर है। इसमें चार सह खातेधारक हैं, लेकिन रियल टाइम खतौनी में इन खातेधारों के हिस्से में शून्य अंश दशार्या गया है।

रियल टाइम खतौनियों में गलतियों के कुछ ही उदाहरण हैं। जिले में कई ऐसे मामले हैं, जिसमें बड़ी जोत वाले किसानों को भूमिहीन दर्शा दिया गया है तो कहीं छोटी जोत वालों को कई हेक्टेयर भूमि का मालिक बना दिया गया है। इस वजह से किसानों को बैंक से लोन लेने व बैनामे में परेशानी आ रही हैं। अब शासन के निर्देश पर जिलेभर में रियल टाइम खतौनियों के अंश निर्धारण में हुईं गलतियों में सुधार होगा।

जिले की पांच तहसीलों में कुल 1231 गांव हैं। इनमें हर पांच वर्ष बाद 1241 खतैानियां तैयार हो गई हैं। कई गांव ऐसे हैं, जिनमें दो खतौनी तैयार होती हैं। 2022 में शासन स्तर से एक आदेश जारी किया गया था। इसमें पारदर्शिता के लिए रियल टाइम खतौनी तैयार करने का निर्णय लिया गया। ऐसे में अब 1223 गांव में कुल 1232 रियल टाइम खतौनी तैयार हो चुकी हैं। नौ गांव को चकबंदी व सर्वे के चलते छोड़ दिया गया। नई रियल टाइम खतौनियों ने किसानों की उलझन बढ़ा दी है। इसमें अंश निर्धारण में बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई है। किसी का रकबा छूट रहा है तो किसी के नाम के साथ हिस्सेदारी ही नहीं दर्ज नहीं हुई है। जिसमें सुधार के लिए किसान तहसीलों के चक्कर काट रहे हैं।

0-किसान खुद भी कर सकते हैं आवेदन

शासन से अंश निर्धारण में हुईं त्रुटियों के सुधार के लिए किसान स्वयं ही आनलाइन पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। वह राजस्व निरीक्षक और लेखपाल के समक्ष भी सुधार के लिए आवेदन कर सकते हैं। प्रशासनिक अधिकारियों से भी शिकायत की जा सकती है। हर लेखपाल के लिए पोर्टल पर एक आइडी बनाई जा रही है। इस पर 11 कार्य के दिवस के अंदर लेखपाल प्रदर्शित हो रहे आवेदनों की जांच पूरी करेंगी। इसके बाद सात दिन में राजस्व निरीक्षक जांच कर तहसीलदार को रिपोर्ट भेजेंगे। सात दिन में तहसीलदार के स्तर से कानूनगो की सभी आख्या का परीक्षण करके आनलाइन अनुमति दी जाएगी। इसके बाद अगले तीन दिन में अविवादित अंश निर्धारण में सुधार हो जाएगा।

0-वर्जन

खतौनी में अंश निर्धारण में हुई त्रुटियों के लिए सुधार के लिए सभी तहसीलों में व्यवस्था कराई गई है। किसान स्वयं भी ऑनलाइन आवेदन कर सकता है।

पंकज कुमार, एडीएम प्रशासन

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