खैर उपुचनाव पर लगी है दिग्गजों प्रतिष्ठा दांव पर
खैर उपचुनाव में मतदाता आज अपने मत से पांच प्रत्याशियों का फैसला करेंगे। सीएम योगी समेत कई बड़े नेता प्रचार में जुटे हैं। भाजपा ने पिछले दो चुनावों में जीत हासिल की है और इस बार भी जीत की कोशिश कर रही...
खैर उपुचनाव पर लगी है दिग्गजों प्रतिष्ठा दांव पर -सीएम, डिप्टी सीएम सहित कई बड़े नेताओं ने की जनसभाएं
-जिले के छह विधायक, सांसद सहित एमएलसी ने भी किया प्रचार
-खैर विस सीट पर जीत भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का है सवाल
-दो बार लगातार भाजपा जीत रही, लोकसभा में इस सीट पर थी पिछड़ी
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अलीगढ़। वरिष्ठ संवाददाता। खैर उपचुनाव के रणक्षेत्र में उतरे पांच प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला आज यानि बुधवार को खैर क्षेत्र के मतदाता करने वाले हैं। जीत का ताज किसके सिर सजेगा, यह तो 23 नवंबर को मतगणना के बाद ही पता चल सकेगा लेकिन हार-जीत की इबारत मतदान कर मतदाता आज ही लिख देंगे। इस उपचुनाव में प्रदेश के सीएम योगी सहित राजनीति के तमाम दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। सीएम की इस वजह से क्योंकि चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद खैर विस क्षेत्र में सीएम योगी ने दो जनसभाएं कीं। वहीं एक कार्यक्रम आचार संहिता लागू होने से पूर्व किया गया है। इसके अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, डिप्टी सीएम सहित अन्य तमाम नेता यहां प्रचार करने में अपनी पूरी ताकत झोंक चुके हैं।
खैर विधानसभा सीट पर बीते दो विधानसभा चुनाव से लगातार भाजपा जीत दर्ज कराती आई है। वहीं इस बार भाजपा के सामने उपचुनाव में जीत दर्ज कराते हुए हैट्रिक लगाने का मौका है। हालांकि लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा पिछड़ी थी। सपा प्रत्याशी चौ. बिजेन्द्र सिंह ने भाजपा प्रत्याशी सतीश गौतम से 1500 करीब वोट अधिक हासिल किए थे। ऐसे में भाजपा की शुरू से ही रणनीति पिछली भूल को सुधार करते हुए रही है। यही कारण रहा कि प्रदेश के कैबिनेट मंत्री से लेकर तमाम राज्यमंत्री, सांसद, विधायकों को मंडल स्तर तक प्रचार के लिए भेजा गया। ऐसे में प्रदेश के गन्ना चीनी मिल मंत्री चौ. लक्ष्मीनारायण की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। क्योंकि वह जिले के प्रभारी मंत्री हैं। इसके अलावा शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह का गृह जनपद होने के चलते भी इस सीट पर भाजपा की जीत होना उनकी प्रतिष्ठा का सवाल है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौ. भूपेन्द्र सिंह, रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के अलावा पार्टी के स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अलावा मांट, सादाबाद विधायक भी यहां डेरा डाले रहे है। इस सीट से दो बार लगातार जीत दर्ज करा चुके अनूप बाल्मीकि प्रदेश सरकार में राजस्व राज्यमंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में हाथरस सांसद हैं। जिले के छह विधायक, दो एमएलसी व सांसद के लिए खैर सीट पर पार्टी प्रत्याशी की जीत होना अहम है।
0-क्या सपा रोक पाएगी भाजपा का विजय रथ
-आजादी के बाद से आज तक सपा इस सीट पर नहीं जीती
खैर उपचुनाव में सपा क्या भाजपा का विजयरथ रोक पाएगी। दरअसल आजादी के बाद से आज तक इस सीट पर सपा कभी भी जीत दर्ज नहीं करा पाई है। सपा को ऑक्सीजन लोकसभा चुनाव में मिल चुकी है। खैर सीट पर सपा प्रत्याशी वोट पाने में भाजपा से आगे रहे थे। तब तमाम समीकरण भाजपा के गड़बड़ाए थे। ऐसे में सपा खेमा इसको लेकर मानकर चल रहा है कि लोकसभा चुनाव में जो फैक्टर सपा प्रत्याशी के साथ था, वह इस विस उपचुनाव में भी रहेगा।
0-दो प्रत्याशी राजनीतिक घराने तो एक नया चेहरा
खैर से भाजपा-रालोद गठबंधन प्रत्याशी सुरेन्द्र दिलेर हैं। जिनके बाबा किशनलाल दिलेर 11 बार जनसंघ व भाजपा से सांसद-विधायक और पिता राजवीर दिलेर विधायक व सांसद रहे हैं। सपा-कांग्रेस से चारू कैन मैदान में हैं। इनके ससुर तेजवीर सिंह गुड्डू पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। बसपा से डा. पहल सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। जो चुनावी मैदान में नया चेहरा हैं।
0-2022 विस चुनाव के समीकरण
प्रथम-अनूप प्रधान-भाजपा
द्वितीय- चारू कैन-बसपा
2022 वोट प्रतिशत-55.55
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