सीएम के मंच पर चढ़ने से पूर्व चेयरमैन को रोका, सुरक्षा अधिकारियों से हुई बहस
सीएम योगी की रैली में पूर्व चेयरमैन को मंच पर चढ़ने से रोका गया। विधायक के साथ बहस के बाद भी सुरक्षा अधिकारी ने उन्हें मंच पर नहीं आने दिया। कैबिनेट मंत्री और ब्रजप्रांत अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बावजूद...
सीएम के मंच पर चढ़ने से पूर्व चेयरमैन को रोका, सुरक्षा अधिकारियों से हुई बहस -कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण, ब्रजप्रांत अध्यक्ष के हस्तक्षेप पर भी मंच पर नहीं आने दिया
-एक विधायक के साथ पूर्व चेयरमैन मंच पर आने के दौरान सीएम सुरक्षा द्वारा रोका गया था
फोटो-
नंबर गेम
18 मिनट सीएम योगी ने किया संबोधित
04 बजे बजे सीएम का हैलीकॉप्टर लैंड हुआ
04 बजकर 10 मिनट से सीएम का संबोधन हुआ शुरू
01 सप्ताह में सीएम ने दूसरी बार खैर विस क्षेत्र में की रैली
अलीगढ़। वरिष्ठ संवाददाता। भाजपा की गुटबाजी खैर विस उपचुनाव के नजदीक आते हुए भी खत्म होती नहीं दिख रही है। पूर्व में भी सीएम ने इसको लेकर नाराजगी जताई थी। शनिवार को भी सीएम की जनसभा मंच पर चढ़ने को लेकर खेमेबंदी साफ दिखाई दी। दरअसल एक विधायक के साथ पूर्व चेयरमैन मंच की तरफ जा रहे थे। इस दौरान सीएम की सुरक्षा से जुड़े अधिकारी ने पूर्व चेयरमैन को रोक दिया। इस पर सुरक्षा अधिकारी से विधायक की बहस भी हुई। इतना ही नहीं कैबिनेट मंत्री चौ. लक्ष्मीनारायण व ब्रजप्रांत अध्यक्ष दुर्विजय शाक्य तक को हस्तक्षेप करना पड़ गया लेकिन पूर्व चेयरमैन को मंच पर नहीं आने दिया गया।
लोकसभा चुनाव से ही भाजपा में स्थानीय स्तर चल रही गुटबाजी की बात किसी से छुपी नहीं है। बेशक पार्टी के नेता इसे नकारत रहे हों। खैर उपचुनाव में भी पार्टी की गुटबाजी स्पष्ट रूप से अब तक दिखाई देती रही है। बीते सप्ताह जब सीएम योगी जनसभा को संबोधित करने आए थे तो गुटबाजी की भनक उनको लगी तो वह काफी नाराज हुए थे। जिसके बाद अगले ही दिन भाजपा के प्रदेश पदाधिकारी अलीगढ़ आए थे और पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी। इसके बाद भी गुटबाजी पर असर पड़ता नहीं दिखा। शनिवार को जट्टारी में आयोजित सभा में सीएम के आने का इंतजार हो रहा था तो एक विधायक के साथ पूर्व चेयरमैन मंच पर चढ़ने लगे। मंच पर बैठने वाले पदाधिकारियों की सूची में पूर्व चेयरमैन का नाम ही नहीं था। इस पर सीएम की सुरक्षा से जुड़े अधिकारी ने पूर्व चेयरमैन को रोक दिया। इस पर विधायक ने अपने साथ ले जाना चाहा लेकिन उनकी नहीं चल सकी। इस पर काफी देर बहस हुई। विधायक के कहने पर कैबिनेट मंत्री चौ. लक्ष्मीनारायण आए उन्होंने सु्रक्षा अधिकारी से बात की लेकिन सुरक्षा अधिकारी ने कैबिनेट मंत्री की बात को भी बड़े ही शालीनता से हाथ जोड़ते हुए नकार दिया। पूर्व चेयरमैन को मंच पर लाने की जहदोजहद यहां ही समाप्त नहीं हुई। कुछ देर के बाद ब्रजप्रांत अध्यक्ष ने भी हस्तक्षेप किया लेकिन समस्या का हल नहीं निकला। इस घटनाक्रम को लेकर जनसभा के दौरान काफी चर्चा होती रही। दरअसल चेयरमैन जिस विधायक के गुट में हैं, वह स्थानीय एक जनप्रतिनिधि की खिलाफत करने वाला गुट है। बहरहाल यह गुटबाजी उपचुनाव पर कितना असर डालेगी यह तो नतीजों के बाद ही साफ हो सकेगा।
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