खैर उपचुनाव: भाजपा व सपा गठबंधन के बीच है मुकाबला
खैर उपचुनाव: भाजपा व सपा गठबंधन के बीच है मुकाबला फोटो- अलीगढ़। वरिष्ठ संवाददाता। खैर
खैर उपचुनाव: भाजपा व सपा गठबंधन के बीच है मुकाबला फोटो-
अलीगढ़। वरिष्ठ संवाददाता। खैर विस सीट पर बुधवार को हुए उपचुनाव में मतदाताओं के मिजाज से यह तो साफ हो गया है कि भाजपा व सपा गठबंधन के बीच ही मुकाबला है। जाट बेल्ट में जाट मतदाताओं में बिखराव भी देखने को मिला। ऐसे में प्रत्याशियों के दावे तो अपने-अपने समीकरणों के आधार पर जीत के हीं हैं।
खैर विस सीट पर चुनाव मैदान में कुल पांच प्रत्याशी हैं। बुधवार को क्षेत्र में मतदाताओं के मतदान करने के बाद उनका मन टटोलने से यह सामने आया कि मुख्य मुकाबले में सिर्फ भाजपा व सपा गठबंधन प्रत्याशी हैं। जाट मतदाताओं ने बेशक डीएपी के मुद्दे को लेकर नाराजगी जताई फिर भी कुछ जगह जाट मतदाता भाजपा के साथ तो कुछ जगह सपा-गठबंधन के साथ खड़े दिखाई दिए। इसी तरह से एससी मतदाताओं में भी बिखराव होना सामने आया है। हालांकि बसपा प्रत्याशी अपने परंपरागत वोट मिलने का दावा कर रहे हैं तो भाजपा-सपा भी इन मतदाताओं को अपने-अपने पक्ष में आने की बात कर रहे हैं। हालांकि मतदान के बाद अधिकतर मतदाता चुप्पी साधे नजर आए। ऐसे में 23 नवंबर को ही तस्वीर साफ हो सकेगी।
0-प्रत्याशियों की किस्मत के साथ दिग्गजों की भी प्रतिष्ठा दांव पर
-जिले के छह विधायक, सांसद सहित एमएलसी ने भी किया प्रचार
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अलीगढ़। वरिष्ठ संवाददाता। खैर उपचुनाव के रणक्षेत्र में उतरे पांच प्रत्याशियों की किस्मत के साथ ही राजनीतिक दलों के प्रतिष्ठा भी दांव पर है। खैर विधानसभा सीट पर बीते दो विधानसभा चुनाव से लगातार भाजपा जीत दर्ज कराती आई है। वहीं इस बार भाजपा के सामने उपचुनाव में जीत दर्ज कराते हुए हैट्रिक लगाने का मौका है। हालांकि लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा पिछड़ी थी। सपा प्रत्याशी चौ. बिजेन्द्र सिंह ने भाजपा प्रत्याशी सतीश गौतम से 1500 करीब वोट अधिक हासिल किए थे। ऐसे में भाजपा की शुरू से ही रणनीति पिछली भूल को सुधार करते हुए रही है। यही कारण रहा कि प्रदेश के कैबिनेट मंत्री से लेकर तमाम राज्यमंत्री, सांसद, विधायकों को मंडल स्तर तक प्रचार के लिए भेजा गया। ऐसे में प्रदेश के गन्ना चीनी मिल मंत्री चौ. लक्ष्मीनारायण की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। क्योंकि वह जिले के प्रभारी मंत्री हैं। इसके अलावा शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह का गृह जनपद होने के चलते भी इस सीट पर भाजपा की जीत होना उनकी प्रतिष्ठा का सवाल है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौ. भूपेन्द्र सिंह, रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के अलावा पार्टी के स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अलावा मांट, सादाबाद विधायक भी यहां डेरा डाले रहे है। इस सीट से दो बार लगातार जीत दर्ज करा चुके अनूप बाल्मीकि प्रदेश सरकार में राजस्व राज्यमंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में हाथरस सांसद हैं। जिले के छह विधायक, दो एमएलसी व सांसद के लिए खैर सीट पर पार्टी प्रत्याशी की जीत होना अहम है। वहीं सपा प्रमुख व पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी इस सीट पर जनसभा कर चुके हैं। ऐसे में सपा के लिए भी जीत दर्ज कराना प्रतिष्ठा का सवाल है।
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