तो क्या सुंदर भाटी गैंग ने नंबर प्लेट बदलकर घेरा था जज को
खैर क्षेत्र में जज डॉ. एके सिंह पर हमले की कोशिश की गई। जांच में हमलावरों की बोलेरो का नंबर फर्जी पाया गया है, जिससे पुलिस को संदेह है कि बदमाशों ने जानबूझकर भ्रमित करने के लिए नंबर प्लेट बदली। सभी...
खैर क्षेत्र में जज पर हमले की कोशिश की घटना में प्रयुक्त नंबर पर दर्ज नहीं पाई गई बोलेरो गाड़ी -अब तक की जांच में नंबर के आधार पर खंगाली गईं हैं सभी सीरीज
-अलीगढ़ की सीमा में देखे जा रहे सीसीटीवी, पीछे के टोल होंगे चेक
खैर(अलीगढ़), वरिष्ठ संवाददाता। पश्चिमी यूपी के कुख्यात अपराधी सुंदर भाटी व उसके गैंग को सजा सुनाने वाले एडीजे डा.एके सिंह पर हमले की कोशिश की वारदात ने पुलिस को हिलाकर रख दिया है। सुंदर भाटी की रिहाई के छह दिन बाद इस वारदात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने विवेचना शुरू कर दी है। अब तक की जांच में बदमाशों की बोलेरो का जो नंबर सामने आया है। वह फर्जी माना जा रहा है। इस नंबर की किसी भी सीरीज पर बोलेरो दर्ज नहीं है। इसलिए अंदेशा है कि नंबर प्लेट बदलकर ही गैंग ने ये साजिश रची है।
शनिवार रात में मुकदमा दर्ज करने के बाद खैर पुलिस की टीम सीओ वरुण सिंह की अगुवाई में इस घटना की तह में जाने को प्रयासरत हैं। रविवार से ही एक टीम को अलीगढ़ पलवल मार्ग पर शिवाला रोड से टैंटीगांव रोड तक के सभी सीसीटीवी देखने में लगी। लेकिन रात के अंधेरे के कारण हमले की कोशिश में शामिल रही बोलेरो गाड़ी के विषय में कोई सुराग नहीं मिल सका। इसके बाद अब अलीगढ़ की ओर तक के सभी सीसीटीवी खैर क्षेत्र में देखे जा रहे हैं। साथ में यह भी प्रयास किया जा रहा है कि फर्रुखाबाद से अलीगढ़ खैर तक के सभी टोल प्लाजा व हाईवे के प्रमुख सीसीटीवी दिखवाने के लिए भी पुलिस टीम को लगाया जा रहा है। इस दौरान यह जानने का प्रयास किया जाएगा कि जज की गाड़ी का पीछा कहां से शुरू हुआ। फिर खैर से गाड़ी वापस लौटी तो कहां गई। सीओ खैर वरुण सिंह यही कहते हैं कि सीसीटीवी व आरटीओ की मदद से एक एक पहलू को चिह्नित कर जांच की जा रही है। अभी तक किसी ठोस नतीजे पर पुलिस नहीं पहुंची है। प्रयास जारी हैं। कोई महत्वपूर्ण सुराग नहीं मिला है।
अब तक देखे गए 150 से ज्यादा कैमरे
रविवार से लेकर सोमवार तक पुलिस टीमों ने खैरेश्वर चौराहे से लेकर खैर, जट्टारी और टप्पल व यमुना एक्सप्रेस वे इंटरचेंज और टोल तक के 150 से ज्यादा सीसीटीवी देखे हैं। मगर अभी इस बोलेरो को लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं मिली। अब फिर से टुकड़ों में सीसीटीवी देखने का भी प्लान है, जिसमें यह जाना जाएगा कि कहीं पहले से रास्ते में गाड़ी खड़ी हो और जज की गाड़ी देखकर अचानक खैर के आसपास पीछा किया या रुकवाने का प्रयास किया हो। क्योंकि खैर के गौमत चौराहे के बाद से सोफा चौकी के बीच में सीसीटीवी कम हैं। इसलिए इस तरह से भी नए सिरे से सीसीटीवी दिखवाने का प्रयास है।
भ्रमित करने के लिए प्रयोग हुआ अलीगढ़ नंबर
मुकदमे में बोलेरो का जो नंबर यूपी 81-7882 उल्लेखित है। यह नंबर अलीगढ़ जनपद आरटीओ का है। लेकिन अधूरा है। इसके चलते सोमवार को इस नंबर 7882 की सभी सीरीज आरटीओ से दिखवाई गईं। इस नंबर पर किसी भी सीरीज में बोलेरो का पंजीकरण नहीं पाया गया है। ऐसे में यही माना जा रहा है कि वारदात को अंजाम देने वालों ने जानबूझकर भ्रमित करने के इरादे से फर्जी नंबर प्लेट लगाई है। ताकि बदमाश वारदात को अंजाम देकर आसानी से निकल जाएं और पुलिस अलीगढ़ के ईद-गिर्द ही घूमती रहे।
अब आरटीओ से पूछा सभी सफेद बोलेरो का ब्योरा
नंबर के आधार पर सही जानकारी न मिलने के बाद अब पुलिस ने आरटीओ से सफेद रंग की सभी बोलेरो का ब्योरा मांगा है। ताकि उसकी पहचान में एडीजे की मदद से कोई सफलता मिल सके।
ये दर्ज कराया है मुकदमा
फर्रुखाबाद में तैनात एडीजे विशेष ईसी एक्ट डॉ. अनिल कुमार सिंह की तहरीर पर यह मुकदमा शनिवार रात में दर्ज हुआ है। जिसमें 29 अक्तूबर की वारदात बताते हुए कहा है कि वे दीपावली पर अपनी गाड़ी से फर्रुखाबाद से घर नोएडा जा रहे थे। तभी गौमत चौराहा पार कर जट्टारी की ओर जाते समय बेलेरो सवार पांच अज्ञात लोगों ने इस वारदात को अंजाम दिया। मुकदमे में उन्होंने उल्लेख किया है कि गौतमबुद्ध नगर में बतौर एडीजे तैनाती के दौरान उन्होंने सुंदर भाटी और उसके ग्यारह गिरोह के सदस्यों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसलिए संदेह जताया है कि सुंदर भाटी और उनके गिरोह के सदस्यों ने इसी सजा के फैसले का बदला लेने के इरादे से इस हमले की साजिश रची गईहै।
वर्जन
-अभी हमारी टीमें इस वारदात को गंभीरता से लेकर खुलासे के प्रयास में जुटी हैं। गाड़ी नंबर, गाड़ी के हुलिया व सीसीटीवी की मदद से हर स्तर पर सुराग तलाशने का काम जारी है। जैसे ही कुछ उजागर होगा, स्पष्ट किया जाएगा।-मुकेश चंद्र उत्तम, एसपी देहात
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।