बोले अलीगढ़ के वर्जन
Aligarh News - अलीगढ़। बोले पीतल मूर्ति निर्माता पीतल मूर्ति अलीगढ़ का कुटीर उद्योग है।
अलीगढ़। बोले पीतल मूर्ति निर्माता
पीतल मूर्ति अलीगढ़ का कुटीर उद्योग है। घर घर में इसका काम होता है तब मूर्तियां तैयार होती हैं। सरकारी विभागों का दखल बढ़ रहा है। हस्तशिल्पी उद्योग को नए स्टार्टअप व आधुनीकीकरण की आवश्यकता है। सख्ती से पीतल उद्योग की चमक फीकी पड़ जाएगी। एचआर गांधी, अध्यक्ष अलीगढ़ ब्रास स्टेच्यू एवं आर्टवेयर सप्लायर।
1918 से अलीगढ़ में पीतल मूर्ति उद्योग संचालित हो रहा है। इस उद्योग को बढ़ाने के लिए गैस पाइप लाइन, ट्रेनिंग सेंटर, डिसप्ले सेंटर, जीआई टैग व कॉमन सुविधा सेंटर मिलना चाहिए। यह आर्टवेयर उद्योग है और इसमें आयु की बाध्यता नहीं होनी चाहिए। केके वाष्र्णेय, सचिव ब्रास स्टेच्यू एवं आर्टवेयर सप्लायर।
पीतल मूर्ति कारोबार में जीएसटी को लेकर बड़ी विसंगति है। निर्माता को कच्चे माल पर 18 फीसदी और तैयार माल पर 12 फीसदी अदा करनी पड़ती है। जीएसटी स्लैब के इस अंतर को समाप्त करना चाहिए। मोहित राठी, कोषाध्यक्ष अध्यक्ष अलीगढ़ ब्रास स्टेच्यू एवं आर्टवेयर सप्लायर।
पीतल मूर्ति उद्योग को बढ़ाने के लिए श्रम नियमों में रियायत की आवश्यकता है। 18 साल से कम आयु वर्ग को भी काम सीखने की कारखानों में अनुमति मिलनी चाहिए। ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना होनी चाहिए। सरकारी नियमों में लचीलापन आएगा तो पीतल मूर्ति उद्योग चमकेगा। अशोक यादव, संरक्षक अलीगढ़ ब्रास स्टेच्यू एवं आर्टवेयर सप्लायर।
पीतल मूर्ति कारोबार पूरा कच्चा काम है। पीतल बाजार से आती है तो वह छह स्थानों पर बनने के लिए बंटती है। छह अलग-अलग स्थानों की कागजात बनते हैं। जीएसटी की जांच टीमें उन दस्तावेजों को लेकर परेशान करती हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। विनीत प्रकाश गुप्ता, पीतल मूर्ति निर्माता
जीएसटी को लेकर पीतल मूर्ति निर्माता परेशान हैं। रोजाना नए नियम बदलते हैं और बनते हैं। 2017 व उसके बाद के नोटिस आ रहे हैं, जिससे परेशानी बढ़ रही है। टैक्स अदा करने के बाद भी मुसीबत झेलनी पड़ रही है। धर्मेंद्र अग्रवाल, पीतल मूर्ति निर्माता
पीतल मूर्ति कारोबार मुगलकालीन से चला आ रहा है। लेकिन इसको आगे बढ़ाने व प्रोत्साहित करने के लिए कोई योजना व स्कीम नहीं है। हजारों परिवार इस उद्योग से जुड़े हैं। सरकार को इस सेक्टर के बारे में भी सोचना चाहिए। मनोज अग्रवाल, पीतल मूर्ति निर्माता।
अलीगढ़ ब्रास का हब है। देशभर में मूर्तियां अलीगढ़ से जाती हैं, लेकिन पहचान नहीं हो पा रही है। अलीगढ़ की पहचान बढ़नी चाहिए और एक डिसप्ले सेंटर अलीगढ़ में बनना चाहिए। अंकुर अग्रवाल, पीतल मूर्ति निर्माता
जीएसटी की विसंगति को दूर किया जाना बहुत जरूरी है। 45 दिन के भीतर भुगतान की शर्त माल खरीदने पर समाप्त होनी चाहिए। डीलर माल बिकने के बाद भुगतान करता है। नियम सरकार को उद्योगों के विकास व उन्नति के हिसाब से बनाने चाहिए। विपिन गुप्ता, पीतल मूर्ति निर्माता
पीतल मूर्ति उद्योग की देशभर में पहचान होनी चाहिए। भट्टियों से छुटकारा मिलना चाहिए। एलपीजी गैस पाइप लाइन पीतल उद्योग को मिलनी चाहिए। हिमांशु गर्ग, पीतल मूर्ति निर्माता।
गैस पाइप लाइन की जरूरत अलीगढ़ पीतल मूर्ति उद्योग को है। युवाओं को इस उद्योग से जोड़ने के लिए श्रम विभाग के नियमों में लचीलापन होना चाहिए। तरुण गुप्ता, पीतल मूर्ति निर्माता।
पीतल मूर्ति उद्योग को बढ़ावा दिए जाने के लिए अलीगढ़ में रॉ मटेरियल बैंक की स्थापना होनी चाहिए। जीएसटी के नियम सरल किए जाएं और माल परिवहन में पारदर्शिता की जरूरत है। हर्षित राज शर्मा, पीतल मूर्ति निर्माता।
एडीए की महायोजना 2031 के तहत ऐसे उद्योगों को बाहर नहीं किया जाए जो पुराने शहर में चल रहे हैं। उनके विस्थापित की पहले योजना व इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो तब उसके बारे में सोचा जाए। अशोक कुमार, पीतल मूर्ति निर्माता।
पीतल मूर्ति कारोबार को बढ़ावा देने के लिए जीएसटी स्लैब में बदलाव किया जाए। निर्यात को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन योजना लाई जाए। नए कारीगर इस उद्योग से जोड़े जाएं ताकि उद्योग आगे बढ़ सके। अनिल कुमार, पीतल मूर्ति निर्माता।
पीतल मूर्ति कुटीर उद्योग है। नगर निगम पीतल मूर्ति इकाइयों से औद्योगिक का हाउस टैक्स वसूल रहा है। इसमें बदलाव होना चाहिए। उद्योगों को आगे बढ़ाने के लिए विभागों को योजनाएं उनके अनुकूल बनाने की जरूरत है। राहुल गुप्ता, पीतल मूर्ति निर्माता
पड़ोसी राज्यों में औद्योगिक बिजली की दरें उत्तर प्रदेश से काफी कम हैं। यूपी में उद्योगों कम दरों पर बिजली सप्लाई मुहैया कराई जानी चाहिए। जीएसटी के नियम उद्योगों के हित में बनें। योगेश गुप्ता आशू, पीतल मूर्ति निर्माता।
पीतल मूर्ति उद्योग को बढ़ाना देने के लिए सरकार को योजना बनाने की जरूरत है। पीतल की मूर्ति अलीगढ़ से देशभर में जाती है। लेकिन अब कुशल कारीगरों का अभाव होने लगा है। मो. कमरुद्दीन, पीतल मूर्ति निर्माता।
पीतल मूर्ति कुटीर उद्योग है, लेकिन यह टैक्स की मार से दबा हुआ है। कच्चे माल पर 18 व तैयार माल पर 12 फीसदी जीएसटी है। छह फीसदी की आईटीसी ब्लाक रहती है। क्लीयरेंस पर तमाम दिक्कतें आती हैं। नियम सरल किए जाएं। विपिन बिहारी, पीतल मूर्ति निर्माता
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