योगी के 'बंटेंगे तो कटेंगे' नारे पर अखिलेश की नसीहत, नजर-नजरिया और सलाहकार भी बदल लें
सीएम योगी के 'बंटेंगे तो कटेंगे' नारे पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हमला बोला। साथ ही सलाह दी कि देश और समाज के हित में उन्हें अपनी नकारात्मक नजर और नजरिए के साथ अपने सलाहकार भी बदल लेने चाहिए, ये उनके लिए भी हितकर साबित होगा।
सीएम योगी के 'बंटेंगे तो कटेंगे' नारे पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हमला बोलते हुए सलाह दी है। देश और समाज के हित में उन्हें अपनी नकारात्मक नजर और नजरिए के साथ अपने सलाहकार भी बदल लेने चाहिए, ये उनके लिए भी हितकर साबित होगा। एक अच्छी सलाह ये है कि ‘पालें तो अच्छे विचार पालें’ और आस्तीनों को खुला रखें, साथ ही बांहों को भी, इसी में उनकी भलाई है।
अखिलेश यादव ने शनिवार को एक्स पर पोस्ट कर हमला बोला। अखिलेश ने कहा कि नकारात्मक-नारा’ उनकी निराशा-नाकामी का प्रतीक है। इस नारे ने साबित कर दिया है कि उनके जो गिनती के 10% मतदाता बचे हैं अब वो भी खिसकने के कगार पर हैं, इसीलिए ये उनको डराकर एक करने की कोशिश में जुटे हैं लेकिन ऐसा कुछ होनेवाला नहीं।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि ‘नकारात्मक-नारे’ का असर भी होता है, दरअसल इस ‘निराश-नारे’ के आने के बाद, उनके बचे-खुचे समर्थक ये सोचकर और भी निराश हैं कि जिन्हें हम ताकतवर समझ रहे थे, वो तो सत्ता में रहकर भी कमज़ोरी की ही बातें कर रहे हैं। जिस ‘आदर्श राज्य’ की कल्पना हमारे देश में की जाती है, उसके आधार में ‘अभय’ होता है; ‘भय’ नहीं। ये सच है कि ‘भयभीत’ ही ‘भय’ बेचता है क्योंकि जिसके पास जो होगा, वो वही तो बेचेगा। देश के इतिहास में ये नारा ‘निकृष्टतम-नारे’ के रूप में दर्ज होगा और उनके राजनीतिक पतन के अंतिम अध्याय के रूप में आख़िरी ‘शाब्दिक कील-सा’ साबित होगा।