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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Akhilesh said on Bharat Bandh People s movement to protect reservation, Mayawati again cornered the government

भारत बंद पर अखिलेश बोले- आरक्षण की रक्षा के लिए जन-आंदोलन, मायावती ने सरकार को फिर घेरा

  • भारत बंद को लेकर अखिलेश और मायावती ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश ने आज के प्रदर्शन को आरक्षण की रक्षा के लिए जन आंदोलन करार दिया है। मायावती ने भाजपा के साथ ही कांग्रेस को भी आरक्षण पर घेरा है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानWed, 21 Aug 2024 10:34 AM
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एससी-एसटी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ दलित संगठन आक्रोशित हैं। इसे लेकर भारत बंद बुलाया गया है। जिले-जिले में दलित समाज के युवा सड़कों पर उतरे हुए हैं। इस बंद को यूपी में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी, मायावती की बहुजन समाज पार्टी और चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी का समर्थन मिला हुआ है। बंद को लेकर अखिलेश और मायावती ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश ने आज के प्रदर्शन को आरक्षण की रक्षा के लिए जन आंदोलन करार दिया है। मायावती ने भाजपा के साथ ही कांग्रेस को भी आरक्षण पर घेरा है।

अखिलेश ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि आरक्षण की रक्षा के लिए जन-आंदोलन एक सकारात्मक प्रयास है। ये शोषित-वंचित के बीच चेतना का नया संचार करेगा और आरक्षण से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के ख़िलाफ़ जन शक्ति का एक कवच साबित होगा। शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतांत्रिक अधिकार होता है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी ने पहले ही आगाह किया था कि संविधान तभी कारगर साबित होगा जब उसको लागू करनेवालों की मंशा सही होगी। सत्तासीन सरकारें ही जब धोखाधड़ी, घपलों-घोटालों से संविधान और संविधान द्वारा दिये गये अधिकारों के साथ खिलवाड़ करेंगी तो जनता को सड़कों पर उतरना ही होगा। जन-आंदोलन बेलगाम सरकार पर लगाम लगाते हैं।

वहीं मायावती ने सिलसिलेवार पोस्ट में लिखा कि बीएसपी का भारत बंद को समर्थन, क्योंकि भाजपा व कांग्रेस आदि पार्टियों के आरक्षण विरोधी षडयंत्र एवं इसे निष्प्रभावी बनाकर अन्ततः खत्म करने की मिलीभगत के कारण 1 अगस्त 2024 को SC/ST के उपवर्गीकरण व इनमें क्रीमीलेयर सम्बंधी मा. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध इनमें रोष व आक्रोश।

इसको लेकर इन वर्गों के लोगों द्वारा आज ’भारत बंद’ के तहत सरकार को ज्ञापन देकर संविधान संशोधन के जरिए आरक्षण में हुए बदलाव को खत्म करने आदि की माँग जबरदस्त, जिसे बिना किसी हिंसा के अनुशासित व शान्तिपूर्ण तरीके से किये जाने की अपील।

· एससी-एसटी के साथ ही ओबीसी समाज को भी आरक्षण का मिला संवैधानिक हक इन वर्गों के सच्चे मसीहा बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के अनवरत संघर्ष का परिणाम है, जिसकी अनिवार्यता व संवेदनशीलता को भाजपा, कांग्रेस व अन्य पार्टियां समझकर इसके साथ भी कोई खिलवाड़ न करें।

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