सोनिया-राहुल पर ED की चार्जशीट के खिलाफ कांग्रेस का जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन, कासगंज में अजय राय उतरे
सोनिया गांधी व राहुल गांधी के खिलाफ ईडी द्वारा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने के विरोध में कांग्रेस ने प्रदेशव्यापी प्रदर्शन किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय कासगंज जिला मुख्यालय पर धरना व प्रदर्शन में शामिल हुए।

नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का नाम आने के विरोध में बुधवार को प्रदेश भर में कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर उतरे। नवनियुक्त जिला और शहर अध्यक्षों की अगुआई में यह पहला विरोध प्रदर्शन था।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मजबूती से विरोध जताया। लखनऊ में पुलिस ने तीन परतों में बैरीकेडिंग लगाई थी, जिसे तोड़कर कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क तक आ गए। इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय कासगंज की जिला इकाई के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। मंगलवार देर रात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने सभी जिला और शहर इकाइयों को जिला मुख्यालय या प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दफ्तरों पर विरोध प्रदर्शन करने के आदेश दिए थे।
बुधवार सुबह से ही प्रदेश के जिलों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। जगह-जगह कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन करके जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा। लखनऊ में शहर कांग्रेस कमेटी ने विरोध प्रदर्शन की अगुआई की। पुलिस ने पहले ही उन्हें मुख्य मार्ग पर न आने देने के लिए बैरीकेड लगा रखे थे। हालांकि, बड़ी संख्या में जुटे कांग्रेस कार्यकर्ता बैरीकेड तोड़कर आगे बढ़ने में सफल रहे।
इस दौरान सरकार विरोधी नारेबाजी होती रही। पुलिस कर्मियों ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोकने की तमाम कोशिश की, लेकिन उन्हें काबू करने में उनके पसीने छूट गए। बैरीकेड तोड़कर जैसे ही कांग्रेस कार्यकर्ता मुख्य सड़क पर आए, उन्हें पुलिस ने हिरासत में लेकर बसों में बैठा लिया। राजधानी के इको गार्डेन में उन्हें ले जाया गया, जहां से उन्हें छोड़ दिया गया। हालांकि, कांग्रेस कार्यकर्ता ईडी दफ्तर का घेराव चाहते थे, लेकिन वह कामयाब नहीं हो सके।
जिले-जिले बढ़ी जुटान
नवनियुक्त जिला-शहर अध्यक्षों की अगुआई में हुए इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की अच्छी जुटान दिखाई दी। विरोध प्रदर्शन के लिए जिला और शहर इकाइयों को मंगलवार देर रात आदेश दिए गए थे। बावजूद इसके ज्यादातर जिलों में अच्छी जुटान रही। इससे प्रदेश कांग्रेस के ज्यादातर नेता उत्साहित हैं। विरोध प्रदर्शन के निर्देश भले ही जिला और शहर इकाइयों को दिए गए थे, लेकिन जिले-जिले एनएसयूआई और युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी मोर्चा खोला।
कोई सबूत नहीं हैं ईडी के पास: प्रमोद तिवारी
राज्यसभा में कांगेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने बुधवार को नेशनल हेराल्ड मामले में सभी तथ्यों को साफ किया। वह लाल बहादुर शास्त्री मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पास पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं। अगर ईडी के पास कोई भी साक्ष्य होते तो वह चार्जशीट दाखिल करने के लिए 365वें दिन का इंतजार नहीं करती। उन्होंने कहा कि यंग इंडिया गैर लाभकारी कंपनी है और उसने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) का अधिग्रहण नहीं किया।
प्रमोद तिवारी ने कहा कि वर्ष 2023 में ईडी ने प्रोविजनल ऑर्डर ऑफ अटैचमेंट जारी किया था। 10 अप्रैल 2024 को ट्रिब्यूनल ने इसकी मंजूरी दी, जिसके तहत 365 दिन के भीतर ईडी को चार्जशीट दाखिल करनी थी। ईडी के पास कोई भी साक्ष्य नहीं थे बल्कि कहा जाए तो मामला ही नहीं बनता था, लेकिन मोदी सरकार के इशारे पर ईडी ने 365वें दिन यानी 9 अप्रैल 2025 को चार्जशीट दाखिल की। मोदी सरकार 11 साल से सत्ता में है। अगर उसके पास साक्ष्य होता तो क्या वह इंतजार करती? यंग इंडिया ने एजेएल का अधिग्रहण किया यह झूठ है। सभी संपत्तियां और आय एजेएल की ही हैं। यंग इंडिया के 4 शेयर होल्डर थे जबकि एजेएल के 700 लेकिन सभी की सहमति के बाद कर्ज शेयर में तब्दील हुआ और यंग इंडिया भी एक शेयर होल्डर बन गया।
5000 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी भी झूठ
प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह भी झूठ है कि एजेएल के पास 5000 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी है। आयकर विभाग के मुताबिक कुल संपत्ति का मूल्य ₹359 करोड़ रुपये है। एजेएल का कर्ज खत्म करने के लिए उसे 90 करोड़ रुपये दिए गए थे, जिसका इस्तेमाल एजेएल कर्मचारियों के वीआरएस, ग्रेच्युटी, पीएफ, टैक्स और बिजली बिल अदा करने में काम आया।
सरकार की नाकामियों पर नहीं थमेगी कांग्रेस की आवाज
प्रमोद ने कहा कि सरकार की नाकामियों पर कांग्रेस की आवाज नहीं थमेगी। इस तरह के हथकंडों से कांग्रेस डरने वाली नहीं है। सरकार की विफलताओं, पूंजीपतियों से साठगांठ, नफरत की राजनीति, बेरोजगारी और महिलाओं-दलितों पर अत्याचार के मामले उठते रहेंगे।