पुलिस की कहानी में झोल, पति की हत्या के आरोप में पत्नी 17 साल बाद बरी
आगरा में पति की हत्या के 17 साल पुराने मामले में पत्नी ब्रजेश को अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में असफल रहा और कोई स्वतंत्र गवाह नहीं था। अदालत ने मृतक के...
आगरा। पति की हत्या के 17 साल पुराने मामले में आरोपित पत्नी ब्रजेश निवासी एत्मादुद्दौला को राहत मिल गई है। अदालत ने आरोपिता को साक्ष्य के अभाव में बरी करने के आदेश दिए। वहीं आरोपिता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अमरनाथ शर्मा एवं अजय शर्मा ने तर्क दिए कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में असफल रहा है। घटना का कोई स्वतंत्र गवाह नहीं है। वादी थान सिंह ने थाना एत्मादुद्दौला में सात जून 2007 को तहरीर देकर आरोप लगाया कि विगत रात्रि में उसके पिता राजेंद्र सिंह, भाई, बहन एवं मां ब्रजेश घर की छत पर सो रहे थे। रात्रि में मोहल्ले के ही व्यक्ति अपने तीन साथियों के साथ किसी तरह छत पर चढ़ आया। उसने वादी के पिता राजेंद्र सिंह के सिर एवं चेहरे पर चाकू से ताबड़तोड़ प्रहार कर उन्हें गंभीर रुप से घायल कर दिया। वादी एवं परिजनों के चीखने चिल्लाने पर यह लोग छत से कूद भाग गया। वादी की तहरीर पर पुलिस ने हत्या के आरोप में एक व्यक्ति के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। पोस्टमार्टम में भी चाकू से गोद हत्या की पुष्टि हुई। विवेचना के दौरान उस व्यक्ति की नामजदगी गलत पाए जाने पर पुलिस ने उसका नाम निकाल मृतक की पत्नी को अपने पति की हत्या के आरोप में हिरासत में लें जेल भेजा था। पुलिस ने 20-25 किलो का वजनी पत्थर भी घटना में प्रयुक्त दर्शा बरामद किया था। अभियोजन की ओर से वादी थान सिंह, एसआई बेचे लाल, इंद्रेश कुमार भदौरिया समेत छह गवाह पेश किए। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर की मृत्यु हो जाने के कारण उन्हें अदालत में पेश नहीं किया जा सका। विचारण के दौरान वादी के गवाही से मुकरने पोटस्मार्टम में धारदार हथियार से हत्या होने पुलिस की कहानी के अनुसार वजनी पत्थर प्रहार से हत्या होने एवं स्वतंत्र गवाह के अभाव में कोर्ट ने आरोपिता को बरी कर दिया।
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