बोले कासगंज: जाम की मार से चौपट हो रहा है कारोबार
Agra News - कासगंज शहर और कस्बों में जाम की समस्या विकराल होती जा रही है। स्थानीय लोग, व्यापारी और छात्र रोजाना जाम में फंसते हैं। ई-रिक्शों की संख्या में वृद्धि और पार्किंग की कमी जाम के प्रमुख कारण हैं। नगर...
कासगंज शहर हो या फिर कस्बा। रोड पर यातायात सुचारू रखने में तमाम बाधाएं रहती हैं। इसका असर शहर से कस्बों तक आने-जाने वाले लोगों पर पड़ता है। नौकरीपेशा, काम-कारोबार के लिए जाने वाले लोग रोजाना जाम में फंस कर लेट होते हैं। इतना ही नहीं, स्कूल और कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राएं भी इसी जाम में रोजाना फंसते हैं। हालत ये है कि शहर और कस्बों के प्रमुख मार्गों व चौराहों पर जाम की समस्या अब लोगों की नीयति बन गई है। हिन्दुस्तान के बोले कासगंज अभियान के तहत यहां के आम आदमी, कारोबारी और छात्रों ने शिरकत की, जिसमें जाम की समस्याओं को उठाया। पार्किंग न होने से हो रही परेशानी
स्थानीय लोगों एवं व्यापारियों ने शहर के प्रमुख मार्गों एवं चौराहों पर लगने वाले जाम की समस्या को लेकर अपनी बात रखी। आपके अपने हिन्दुस्तान समाचार पत्र के बोले कासगंज संवाद में नगरवासियों एवं व्यापारियों ने बताया कि जाम की समस्या से केवल स्थानीय लोगों को ही नहीं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोगों को निजी वाहन खड़े करने के लिए शहर और कस्बा में कहीं भी पार्किंग स्थल नहीं हैं। इससे उन्हें अपने वाहनों को सड़क के किनारे खड़ा करना पड़ता है।
संकरी गलियों में ई-रिक्शों की वजह से लगता है जाम
वहीं व्यापारियों का कहना है कि बाजार में जाम लगने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के लोग मैन मार्केट तक नहीं पहुंच पाते हैं। इससे उन्हें व्यापार में नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके साथ ही स्थानीय लोगों ने जाम की समस्या के लिए ई-रिक्शों की बढ़ती संख्या को भी जिम्मेदार बताया। लोगों का कहना है कि नगर में ई-रिक्शों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। शहर की संकरी गलियों में ई-रिक्शों की वजह से जाम लग जाता है। लोगों ने रास्तों पर फैले अतिक्रमण को भी जाम का प्रमुख कारक बताया। लोगों का कहना है कि जाम के कारण मार्ग संकरे होते जा रहे हैं। एक-दो दिन अभियान चला कर अतिक्रमण हटवा दिया जाता है। लेकिन उसके बाद नगर पालिका एवं प्रशासनिक अधिकारी अतिक्रमण की कोई सुध नहीं लेते। इससे लोगों को आए दिन परेशानी का सामना करना पड़ता है। नगर को अतिक्रमण मुक्त करा कर प्रशासन को अतिक्रमण की निगरानी के लिए टीमों का गठन करना चाहिए।
सहावर में भी यातायात रहता है प्रभावित
नगर के प्रमुख मार्गों एवं चौराहों पर आए दिन जाम की समस्या देखने को मिलती है। सड़क पर जाम में फंसने से स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जाम से निपटने में पुलिसकर्मियों को भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सोरों रोड, मुख्य चौराहे तथा गंज रोड आदि स्थानों पर जाम लगने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जाम की बड़ी वजह नगर से होकर गुजरने वाले बड़े एवं भारी वाहन हैं। वहीं टैंपो एवं ई-रिक्शों का कोई स्टैंड ना होने के कारण चालक इन्हे आड़े-तिरछे तरीके से खड़ा कर देते हैं। इसके साथ ही स्थानीय दुकानदारों ने भी अपनी दुकानों के आगे अतिक्रमण फैला रखा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि भारी वाहनों के निकालने के लिए नगर के बाहर बाईपास का निर्माण होने पर ही जाम की समस्या से स्थायी तौर पर निजात मिल सकती है। इसके अलावा प्रशासन को क्षेत्र में अतिक्रमण हटाओ अभियान भी चलाना चाहिए तथा बेतरतीब ढंग से खड़े होने वाले ऑटो व ई-रिक्शों को व्यवस्थित किया जाना चाहिए।
सरकार बनाए पार्किंग तो समाप्त हो जाम
शहर के मुख्य बाजार में जाम लगने से केवल व्यापारियों को ही नहीं बल्कि समान खरीदने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले ग्राहकों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है। नगर पालिका एवं प्रशासन को मुख्य बाजार में जाम लगने से होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। -आदर्श
शहर के प्रमुख मार्गों तथा चौराहों पर जाम की समस्या देखने को मिलती है। घंटाघर चौराहा, सोरों गेट, बिलराम गेट चौराहा, सहावर गेट सहित शहर के अन्य स्थानों पर लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। जाम से सुबह लोगों को काम से जाने में देरी हो जाती है। सबसे ज्यादा परेशानी छोटे बच्चों को होती है। -पूरन
मुख्य बाजार में जाम लगने का प्रमुख कारण अतिक्रमण भी है। दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों के आगे सड़क पर अतिक्रमण फैला लेते हैं। इससे भी आवागमन बाधित होता है। प्रशासन एवं नगर पालिका को अतिक्रमण हटवाना चाहिए तथा दोबारा अतिक्रमण ना फैले इसके लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। -सौरभ सिंघल
शहर में ई-रिक्शों की संख्या भी काफी बढ़ गई है। संकरे मार्गों पर इनके फंसने से भी जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। नगर में ई-रिक्शों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए पालिका एवं प्रशासन को तीन रंग के स्टीकर निर्धारित करके प्रतिदिन एक रंग के ई-रिक्शों के संचालन जैसी योजना लागू करनी चाहिए। -पंकज अग्रवाल
सहावर के बड़ा बाजार में जाम लगने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के लोग समान खरीदने के लिए वहां तक नहीं पहुँच पाते। उन्हें समान खरीदने हेतु इधर-उधर भटकना पड़ता है। इससे बड़ा बाजार के व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ता है। नगर पालिका को जाम की समस्या का निराकरण करना चाहिए। -अभिषेक सहावर
कुछ दुकानदार भी अपनी दुकानों के सामने ठेले वालों के ठेले लगवाते हैं। इससे भी नगर के प्रमुख मार्गों एवं चौराहों पर जाम की समस्या पैदा हो जाती है। प्रशासन को बाजार में दुकानों के सामने लगने वाले ठेलों को वेंडिंग जोन में शिफ्ट कराना चाहिए। जिससे कि जाम की समस्या से मुक्ति मिले। -सतीश गुप्ता
नगर पालिका एवं प्रशासन अतिक्रमण हटवाने के लिए साल में एक या दो दिन अभियान चलाकर, दोबारा से अतिक्रमण की कोई सुध नहीं लेते। वहीं अतिक्रमण हटाओ अभियान के बाद दुकानदार फिर से अपनी दुकानों के आगे अतिक्रमण फैला लेते हैं। सुबह से शाम जाम ही जाूम रहता है। -गौरव अग्रवाल
शहर को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए पालिका एवं प्रशासन को अतिक्रमण हटवाने के लिए प्रभावी ढंग से अभियान चलाना चाहिए। वहीं अतिक्रमण हटवाने के बाद दोबारा से अतिक्रमण न फैले इसके लिए भी निगरानी टीमों का गठन करना चाहिए।-अखिलेश अग्रवाल
जाम से मुक्ति दिलाने के लिए पालिका एवं प्रशासन को जाम वाले प्रमुख स्थानों को चिन्हित करके। वहां पर पार्किंग का प्रबंध करना चाहिए। जिससे कि शहर में बाहरी वाहनों का जमावड़ा न हो और जाम की समस्या से मुक्ति मिल सके। साथ ही दुकानदारों भी दुकान के बाहर अतिक्रमण न करें। -दीपक अग्रवाल
नगर पालिका एवं प्रशासन को शहर प्रमुख मार्गों के चौड़ीकरण पर विचार करना चाहिए। इसके साथ ही ट्रैफिक व्यवस्था नगर में ई-रिक्शों के लिए वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू करनी चाहिए। जिससे कि लोगों को हमेशा के जाम की समस्या से निजात मिल सके।
नगर की जनसंख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है। साथ ही नगर में गुजरने वाले बड़े एवं भारी वाहनों की संख्या भी बढ़ रही है। भविष्य में विभिन्न प्रकार के संकट मंडराने लगे हैं। इसके लिए प्रशासन को शहर के विकास एवं जाम से निजात दिलाने के लिए बाईपास का निर्माण कराना चाहिए। -उत्पल कुमार विश्वास -सौरभ अग्रवाल
नगर पंचायत एवं प्रशासन को शहर प्रमुख मार्गों के चौड़ीकरण पर विचार करना चाहिए। इसके साथ ही ट्रैफिक व्यवस्था को सशक्त करते हुए, नगर में ई-रिक्शों के लिए वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू करनी चाहिए। ताकि लोगों को हमेशा के लिए जाम की समस्या से निजात मिल सके।
प्रशासन को यातायात के सुचारु एवं व्यवस्थित ढ़ंग से संचालन पर जोर देना चाहिए। इससे नगर वासियों को जाम की समस्या से मुक्ति मिल सकेगी। इसके लिए प्रशासन को नगर के बुद्धिजीवियों से भी सहयोग लेना चाहिए। -अजय अग्रवाल
शहर में कहीं भी पार्किंग स्थल न होने से मुख्य मार्केट एवं प्रमुख मार्गों पर जाम लगता है। जो लोग समान खरीदने आते हैं। पार्किंग स्थल ना से अपने वाहन बाजार तक ले जाने पड़ते हैं। वाहनों के खड़े होने से भी जाम की स्थिति उत्पन्न होती है। -रजत बिड़ला
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