पोस्टमार्टम हाउस पर शवों के ढेर
बुधवार को तूफान का जो कहर बरपा, उसके बाद पोस्टमार्टम हाउस पर गुरुवार को शवों का ढेर लग गया। बुधवार देर रात एंबुलेंस से शवों का आना शुरू हो गया था। यह गुरुवार दोपहर दो बजे तक चलता...
बुधवार को तूफान का जो कहर बरपा, उसके बाद पोस्टमार्टम हाउस पर गुरुवार को शवों का ढेर लग गया। बुधवार देर रात एंबुलेंस से शवों का आना शुरू हो गया था। यह गुरुवार दोपहर दो बजे तक चलता रहा।
कई शव निजी वाहनों से लगाए गए। पोस्टमार्टम के बाद शवों को उठाने के लिए मृतक का नाम लेकर आवाज लगाई जा रही थी। हाल यह था कि एक शव को पोस्टमार्टम कर बाहर किया जाता, तब तक दो-तीन शव वहां और पहुंच जाते। सैंया का एक परिवार थाने से पंचनामे के कागजात नहीं पहुंचने से परेशान दिखा। बाद में दोपहर 12.30 बजे कागज पहुंचे। तब पोस्टमार्टम हुआ।
आंखों देखी:
मौत खींच ले गई सुभाष और राजबहादुर को
आगरा। यमुनापार के प्रकाश नगर परचून के दुकानदार श्रीनिवास निषाद ने पोस्टमार्टम हाउस पर बताया कि सुभाष (52) और राजबहादुर (60) दोनों उनकी दुकान पर काफी देर से बैठे थे। बमुश्किल 20-25 कदम दूरी पर ही चारपाई पर अशोक सेन (55) बैठे थे। तूफान आने से महज दो मिनट पहले ही दोनों उनकी दुकान से उठकर अशोक के पास जाकर बैठ गए। वैसे ही अचानक तूफान आया और मकान की दीवार उन पर गिर गई। हादसे में सुभाष और राजबहादुर दोनों की मौत हो गई।
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