हाहाकार : आगरा में बवंडर से 46 लोगों की मौत
खेरागढ़ तहसील में 18, फतेहाबाद तहसील में 14 लोगों की मौत
132 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से आए विनाशकारी तूफान ने बुधवार रात जिले भर में 46 लोगों की जान ले ली। सैंया के गांव कुकावर में एक ही परिवार के चार बच्चों की मौत हो गई। सर्वाधिक 24 मौतें खेरागढ़ तहसील क्षेत्र में हुई हैं। सदर तहसील क्षेत्र में एक, फतेहाबाद तहसील में 12, बाह में चार, किरावली में तीन, एत्मादपुर में दो लोगों की मौत हुई है। शासन स्तर से मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने का एलान किया गया है। जिला प्रशासन के अनुसार 51 लोग घायल हुए हैं। 80 पशुओं की मौत हुई है। तूफान की विनाशलीला देखने मौके पर पहुंचे अफसरों के भी रौंगटे खड़े हो गए। बवंडर में कई परिवार भी तबाह हो गए हैं। नुकसान का आंकलन करने के लिए प्रशासन की कई टीमें गांव-गांव पहुंच रही हैं। मथुरा में आंधी-तूफान से एक व्यक्ति की मृत्यु और आधा दर्जन लोगों के घायल होने की सूचना है।
सीकरी में स्मारक में नुकसान, टूटे पत्थर
तूफान से फतेहपुरसीकरी के विश्वदाय स्मारकों को भी नुकसान पहुंचा है। शेख हजरत सलीम चिश्ती की दरगाह परिसर में बादशाही दरवाजे के बरामदे की भीतरी ओर बुर्जी का छज्जा टूट कर गिर पड़ा। दरगाह परिसर में ही स्मारक जनाना रोजा की दो बुर्जियों के छज्जे भरभराकर टूट गए। रंग महल स्मारक के ऊपरी हिस्से की पत्थर भी गिरे है। इधर आंधी और तूफान में एक बार फिर चंबल नदी पर बना पैंटून पुल टूट गया । मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों का सम्पर्क टूट गया । पैंटून पुल टूटने के चलते चंबल नदी पार करने वाले सभी वाहन दोनों किनारों पर रातभर खड़े रहे। फतेहपुरसीकरी में ओलावृष्टि से खेत में किसान की मौत हो गई।
8700 पोल टूटे, बिजली आपूर्ति ठप
आगरा। तूफान के चलते जनपद के 31 विद्युत सब स्टेशन बंद हो गए हैं। 132 केवी सब स्टेशन पर ट्रांसमिशन की लाइन टूट गई है। 700 से अधिक गांवों में बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है। 8700 पोल तूफान से धराशायी हो गए हैं। गांवों में जगह-जगह विद्युत पोल टूटे और तार टूटे पड़े हैं। तारों पर पेड़ गिरे पड़े हैं। बिजली कब तक आएगी, इस सवाल का जवाब फिलहाल किसी के भी पास नहीं है।
रेलवे ट्रैक चार घंटे रहा बंद
आगरा। उत्तर मध्य रेलवे के सभी ट्रैकों पर बुधवार को चार घंटे रेल गाड़ियों का संचालन बंद रहा। तूफान का असर गुरुवार को ट्रेन संचालन पर भी पड़ा। आगरा से होकर गुजरने वाली तकरीबन 13 रेल गाड़ियां घंटों देरी से चलीं। रेलवे प्रवक्ता डॉ. संचित त्यागी ने बताया कि बुधवार रात आठ बजे से तूफान के कारण रेलों का संचालन रोकना पड़ा। तूफान थमने के बाद रात करीब 12 बजे ट्रेनों का संचालन बहाल किया गया।
स्कूलों में गिरे पेड़, बाउंड्री
आगरा। बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में बुधवार को आए तूफान से काफी नुकसान हुआ। बेसिक शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। तूफान के चलते पेड़ गिरने या बाउंड्रीवाल आदि गिरने की घटनाओं से करीब 200 से अधिक स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हुई। प्राथमिक विद्यालय गढ़ी हरलाल में जहां स्कूल के अंदर पेड़ गिर गए। वहीं स्कूल के बाहर बिजली के खंबे और पेड़ गिरने से रास्ता भी बंद हो गया। यही स्थिति प्राथमिक विद्यालय गुलाबी में रही। स्कूल में पेड़ गिरने से कक्षाओं तक जाने का रास्ता बंद हो गया। साथ ही स्कूल में जलभराव हो गया।
विक्षोभ का नया केंद्र बना राजस्थान बार्डर!
आगरा। ब्रज में हुई तबाही के पीछे कहीं राजस्थान बार्डर पर पश्चिमी विक्षोभ का नया केंद्र तो नहीं है। विज्ञानियों की मानें तो बीते दिनों आए विनाशकारी तूफान के पीछे यूपी- राजस्थान सीमा पर विकसित हुआ पश्चिमी विक्षोभ रहा है। नजदीक होने के कारण ही तूफान की शक्ति कई गुना अधिक हो गई। अमूमन आगरा और आसपास बेमौसम बारिश की वजह पंजाब या हिमाचल में बिकसित हुए पश्चिमी विक्षोभ होते हैं। बीते कई सालों से ऐसा देखा जा रहा है। प्री- मानसून सीजन में भी हिमाचल से चले बादल बरसते रहे हैं। राजस्थान सीमा पर विक्षोभ के कारण तूफान आने का यह नया मामला है।
वर्जन--
तूफान की चपेट में आने से जिले में 46 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है। सभी मृतकों के परिवारों को चार-चार लाख रुपए की आर्थिक मदद के चेक वितरित कराए जा रहे हैं। आपदा से राहत के लिए प्रशासनिक टीमों को निर्देश दिए गए हैं। नुकसान का आंकलन कराया जा रहा है।
-गौरव दयाल, जिलाधिकारी, आगरा
आगरा में 46 और मथुरा जिले में आंधी-तूफान से एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है। सभी मृतकों के परिवारीजनों और घायलों को हर हाल में शाम तक मदद पहुंचाने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। पीड़ितों की मदद के लिए प्रशासन कोई कसर बाकी नहीं रखेगा।
-के. राममोहन राव, आयुक्त, आगरा मंडल
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