राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के ब्लॉक अध्यक्ष सहित तीन शिक्षक निलंबित

भ्रष्टाचार के विरोध में अभियान चलाने वाले राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के ब्लॉक अध्यक्ष सहित तीन शिक्षकों को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित किया गया है। ब्लॉक अध्यक्ष पर सालों से स्कूल न जाने और अन्य...

हिन्दुस्तान टीम आगराFri, 21 June 2019 12:35 AM
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भ्रष्टाचार के विरोध में अभियान चलाने वाले राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के ब्लॉक अध्यक्ष सहित तीन शिक्षकों को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित किया गया है। ब्लॉक अध्यक्ष पर सालों से स्कूल न जाने और अन्य अनियमिताओं के आरोप हैं।

जगनेर ब्लॉक में कई शिक्षकों के घर बैठे वेतन लेने के मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी आनन्द प्रकाश शर्मा व अन्य मामलों में पूर्व बीएसए अर्चना गुप्ता को शासन ने 30 मई को निलम्बित कर दिया था। इसके बाद से अन्य शिक्षाधिकारियों व शिक्षकों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई थी। शिकायतकर्ता श्री निवास की शिकायत पर जांच अधिकारी संयुक्त विकास आयुक्त अशोक बाबू मिश्रा ने जगनेर ब्लॉक में तैनात शिक्षक हितेन्द्र सिंह, कृष्णवीर सिंह एवं दिलीप सिंह परमार के खिलाफ भी शासन में जांच रिपोर्ट दाखिल की थी। रिपोर्ट के आधार पर शासन ने तीनों ही शिक्षकों को भ्रष्टाचार व अनियमितताएं करने का दोषी माना है। इसमें हितेन्द्र सिंह को भवन निर्माण में कई खाते अपने नाम करवाकर सरकारी धन का गबन करना, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ब्लॉक अध्यक्ष दिलीप सिंह परमार व कृष्णवीर सिंह को इच्छित विद्यालयों में नियम विरुद्ध सम्बद्धीकरण दिखाकर नियम विरुद्ध वेतन प्राप्त करने व अनियमिताएं बरतने का दोषी ठहराया है। दिलीप परमार पर 6 साल से विद्यालय न जाने, हितेंद्र परमार पर 17 स्कूलों को बनवाने में भ्रष्टाचार का आरोप है।

इससे पहले शिक्षकों से महीनादारी लेकर उनका वेतन लगाना और स्कूलों में न पहुंचने वाले शिक्षकों की हाजिरी लगाने के खेल का भी खुलासा हुआ था। दोनों के खिलाफ मुकदमा भी हुआ था, लेकिन विभागीय अधिकारियों से साठगांठ कर एबीआरसी ने जांच में खुद को निर्दोष साबित दिखाया था, जबकि इन दोनों पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। बेसिक शिक्षा परिषद की सचिव रूबी सिंह के निर्देशों के अनुपालन में कार्यवाहक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तीनों ही शिक्षकों को निलंबित कर शासन को रिपोर्ट सौंप दी है।

एसएसपी ने शुरू करवाई जांच

शासन ने तीनों ही शिक्षकों को दोषी ठहराते हुए एसटीएफ से जांच कराने का निर्णय लिया है, इस संबंध में एसएसपी आगरा को निर्देशित किया गया है, जिस पर एसएसपी ने एसटीएफ की टीम गठित कर तीनों के खिलाफ जांच भी शुरू कर दी है। उक्त प्रकरण में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से रिकॉर्ड मांगा जा रहा है।

शिक्षकों की हो सकती है बर्खास्तगी

माना जा रहा है कि तीनों शिक्षकों के खिलाफ विभागीय निलम्बन होने के बाद एसटीएफ की जांच शुरू होने से भ्रष्टाचार व अनियमितता के और भी मामले सामने आ सकते हैं, जिसमें इन शिक्षकों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई भी हो सकती है। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जगनेर ब्लॉक अध्यक्ष दिलीप सिंह परमार पर पहले से ही वित्तीय अनियमितताओं के मामले में जगनेर थाने में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। तथ्यों को छिपाकर गलत तरह से बीएसए कार्यालय से शिक्षक द्वारा आदेश कराए गए थे, जानकारी पर आदेशों को निरस्त कर एफआईआर कराई गई थी। थाना पुलिस अभी भी जांच कर रही है। विभागीय कार्रवाई की जानकारी थाना पुलिस को भी दी गई है।

दोनों एबीआरसी शिक्षक होते हुए भी छह साल से विद्यालय नहीं गए थे। शासन के निर्देशों के अनुपालन में कार्रवाई करते हुए प्रथम दृष्टया दिलीप परमार प्रधानाध्यापक(ब्लॉक अध्यक्ष राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ जगनेर)सहित अन्य दो अध्यापक हितेन्द्र सिंह व कृष्णवीर को निलंबित किया गया है।

वीरेंद्र पटेल, कार्यवाहक बीएसए

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