Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़आगराThree gunmen arrested for robbing as SOG personnel

एसओजी कर्मी बनकर लूट करने वाले तीन टटलू गिरफ्तार

क्रासरआगरा में आया करते थे। एक गैंग के वारदात करने के अंदाज अलग-अलग थे। महिलाओंआगरा में आया करते थे। एक गैंग के वारदात करने के अंदाज अलग-अलग थे।...

Newswrap हिन्दुस्तान, आगराTue, 28 July 2020 07:05 PM
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एत्मादुद्दौला पुलिस ने तीन टटलुओं को जेल भेजा है। तीनों वारदात करने बाहर से आगरा में आया करते थे। गैंग के वारदात करने के अंदाज अलग-अलग थे। महिलाओं और बुजुर्गों के लिए वे एसओजी कर्मी बन जाते थे। बैंक के बाहर किसी को पकड़ते थे तो गरीब मजदूर। सड़क पर किसी को घेरते थे तो कुख्यात बदमाश। पुलिस को आरोपियों के पास से पिस्टल और 43500 रुपये भी मिले थे। पांच-पांच के 20 नोटों से वह पूरी गड्डी बना देते थे। बीच में कागज की कतरन लगाते थे।एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच ने संयुक्त रूप से घेराबंदी करके जलेसर, एटा निवासी अर्जुन, नहना व मनोज (सादाबाद) को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में दो घटनाओं का खुलासा हुआ है। बदमाशों ने कमला नगर में एक महिला से एसओजी कर्मी बनकर कड़े लूटे थे। महिला अकेले थी। बदमाशों ने उसे रोका। कहा कि वे एसओजी से हैं। पुलिस वाले हैं। आगे बदमाशों ने धावा बोला है। उनकी घेराबंदी के लिए आए हैं। अपने कड़े उतारकर कागज में लपेट लो। बदमाश छीन सकते हैं। उनकी बात सुनकर महिला ने अपने कड़े उतार लिए थे। शातिरों ने अपने हाथ में लेकर कागज की पुड़िया बनाई थी। महिला ने घर पहुंचकर पुड़िया को खोला तो उसमें नकली कंगन निकले थे।बदमाशों का दूसरा अंदाज सड़क पर राहगीरों से लूट करना था। वे किसी को भी घेर लेते थे। कनपटी पर पिस्टल लगाकर उसका एटीएम छीनते थे। मारपीट करके उसे पासवर्ड पूछते थे। उसे तब तक अपने साथ रखते थे जब तक उसके एटीएम से रकम नहीं निकाल लेते थे। तीसरा अंदाज में शातिर बैंक में किसी को भी घेरते थे। एक बदमाश गरीब मजदूर बनकर वहां मौजूद किसी एक ग्राहक को अपने जाल में फंसाता था। कहता था कि उसके पीछे बदमाश लगे हैं। ये रकम अपने खाते में जमा कर लो। वह बाद में ले लेगा। अमानत के तौर पर एक लाख रुपये के एवज में दस-बीस हजार रुपये ही दे दो। जो जाल में फंस जाता था उसे वह बैंक के बाहर ले आता था। 500 के नोट की दो गड्डियां देकर बदले में 20 हजार ले लेता था। 500 की गड्डी में ऊपर नीचे असली नोट होते थे। बीच में कागज की करतन लगी होती थी।

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