अथक प्रयास के बावजूद पिछड़ा फुटवियर निर्यात
अप्रैल 2024 से जून 2024 के दौरान शहर के फुटवियर निर्यात में 40 करोड़ रुपये की गिरावट हुई। इसमें माल का परिवहन एक मुख्य कारण है, जिसके कारण माल देरी से पहुंच रहा है और निर्यातकों को अतिरिक्त भाड़ा देना...
अथक प्रयास के बावजूद शहर का फुटवियर निर्यात पिछड़ रहा है। अप्रैल 2024 से जून 2024 की अवधि में निर्यात में लगभग 40 करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज हुई है। इस स्थिति के लिए माल का परिवहन एक बड़ा कारण माना जा रहा है। बदले हुए समुद्री मार्ग के कारण माल की खेप 10 से 15 दिन तक देरी से पहुंच रही है। यही नहीं नए रूट के लिए निर्यातकों को 20 से 30 फीसदी तक अतिरिक्त भाड़ा देना पड़ रहा है। इस वजह से लागतें बढ़ गई हैं। उद्यमी कहते हैं कि ग्रेट ब्रिटेन में हाल में चुनाव हुए हैं। अमेरिका में इस समय चुनाव का माहौल है। दोनों ही स्थानों से आगरा को बड़ी तादाद में आर्डर मिलते हैं। यूरोप के अन्य देशों में भी उत्पादन प्रक्रिया प्रभावित चल रही है।
ऊर्जा के बढ़े हुए दाम के कारण लोगों का फोकस बुनियादी जरूरतों को पूरा करने तक सिमट गया है। ऐसे हालातों में क्रिसमस के लिए महंगे जूतों की मांग नहीं निकल रही। स्टोर भी पुराना माल निपटाने में अधिक दिलचस्पी ले रहे हैं।
पर्याप्त ऑडर न मिलने की वजह से इकाइयों में श्रम शक्ति को कम करना पड़ रहा है।
क्योंकि इकाइयां अपनी पूर्ण क्षमता पर कार्य नहीं कर पा रहीं। जबकि यह अवधि ऐसी होती है, जब स्थानीय निर्यात इकाइयों को अपनी बिक्री का बड़ा हिस्सा मिल जाता है। नए बाजार की खोज जोर-शोर से की गई, लेकिन वैश्विक हालात अनुकूल नहीं होने की वजह से ऑर्डर मिलना संभव नहीं हो पा रहा। जर्मनी, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड, पोलेंड आदि से इस बार अपेक्षित आर्डर नहीं मिल सके हैं।
जंग से मुश्किल
निर्यातकों का कहना है कि यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध की समाप्ति के बाद ही कारोबार उठ सकेगा। दोनों देशों के बीच युद्ध की वजह से यूरोप में महंगाई चरम पर पहुंच चुकी है। इसी प्रकार इजराइल के घटनाक्रम से भी कारोबार प्रभावित हो रहे हैं। इन हालातों में सामान्य कारोबार को भी कायम रख पाना संभव नहीं हो रहा। यही नहीं जूते की उत्पादन लागत में लगातार वृद्धि होने से भी कारोबार में दिक्कत की स्थिति बनी हुई है। इकाइयों को सरकार से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में भी कमी आई है। बैंकों से वित्तीय जरूरत को पूरा करना महंगा हो गया है।
निर्यात में ऐसे आई गिरावट
अप्रैल 2024 से जून 2024: कुल निर्यात लगभग 870 करोड़ रुपये
अप्रैल 2023 से जून 2023: कुल निर्यात लगभग 910 करोड़ रुपये
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