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बोले आगरा: जिनके जिम्मे सफाई, उनसे बेवफाई

Agra News - एत्मादपुर के सफाई कर्मचारी हर मौसम में सफाई कार्य करते हैं, लेकिन उन्हें गर्म वर्दी, स्वास्थ्य परीक्षण और समय पर वेतन नहीं मिलता। नगर पालिका के पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं, जिससे सफाई कर्मचारियों को...

Newswrap हिन्दुस्तान, आगराFri, 14 Feb 2025 04:02 PM
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बोले आगरा: जिनके जिम्मे सफाई, उनसे बेवफाई

एत्मादपुर (आगरा), हिन्दुस्तान संवाद। कस्बों की गलियों से लेकर सड़कों तक की सफाई करने वाले सफाई कर्मचारियों की भी अपनी समस्याएं हैं। इनको सर्दी-गर्मी हो या बारिश। हर मौसम में सुबह सफाई कार्य में जुटना पड़ता है। हालत यह है कि सफाई के लिए क्षेत्रफल अधिक है और संसाधन कम। सर्दी का पूरा मौसम निकल जाता है लेकिन इन सफाई कर्मचारियों को गर्म वर्दी नसीब नहीं होत है। यही हाल बारिश में भी रहता है। महिला हो या फिर पुरूष कर्मचारी। बारिश में भीगते हुए सफाई कार्य करना पड़ता है। यहां तक कि सालों तक सफाई कर्मचारियों को झाड़ू तक उपलब्ध नहीं करायी जाती हैं। इस जिनके जिम्मे है सफाई, उनसे ही बेवफाई के अलावा मानदेय की भी समस्या है।

सर्दी हो या गर्मी, किसी भी मौसम की परवाह किए बगैर सफाई कर्मचारी

अल सुबह से ही अपने कार्य में जुट जाते हैं। जब हम सोकर उठते हैं तो साफ गलियां इन्हीं सफाई कर्मचारियों की देन होती है। सूर्योदय से पहले ही स्वच्छता के ये दूर शहर की मुख्य सड़कों, बाजारों, गलियों, नालियों व गटरों की सफाई करने निकल पड़ते हैं। सफाई कर्मचारियों को पता है कि अगर उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से थोड़ा भी मुंह मोड़ा और सफाई के प्रति लापरवाही बरती तो उनके शहर की सूरत खराब हो जाएगी। इससे न सिर्फ आम लोगों को परेशानी होगी बल्कि गंदगी के कारण कस्बे में कई तरह की बीमारियां भी फैलेंगी।

इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए एत्मादपुर नगर पालिका के सैकड़ों नियमित, संविदा और सेवा प्रदाता सफाई कर्मचारी हर दिन सुबह, दोपहर और शाम शहर को साफ रखने के लिए काम करते हैं। इतना सब करने के बाद भी सफाई कर्मचारियों को उनके मूल अधिकारों और सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है। सफाई कर्मचारी बहुत कम संसाधनों में खुशी-खुशी कस्बे को साफ करने का काम कर रहे हैं। उसके बाद भी उनका वेतन और मानदेय समय पर नहीं दिया जाता, सफाई कर्मचारियों की समय-समय पर स्वास्थ्य जांच भी नहीं कराई जाती।

संविदा और सेवा प्रदाता सफाई कर्मचारियों को बोनस, एरियर, पीएफ से जुड़ी कई तरह की सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है। कई शिकायतों और हड़तालों के बाद भी सफाई कर्मचारियों को वो सारी सुविधाएं नहीं मिल पाई हैं, जिसके वो असल में हकदार हैं। स्वच्छता के प्रति समान रूप से काम करने के बावजूद सेवा प्रदाता और संविदा सफाई कर्मचारियों को समान कार्य समान वेतन के अनुसार भुगतान नहीं किया जा रहा है। उन्हें कड़ाके की ठंड में काम करने के लिए वर्दी भी नहीं दी जा रही है।

संसाधन बगैर बमुश्किल कर रहे स्वच्छता कार्य:नगर पालिका सफाई कर्मियों के अनुसार नगर पालिका में सफाई कार्य के लिए पर्याप्त तसला, फावड़ा, झाडू, रिक्शा, कूड़ा उठाने के लिए ठेली आदि उपकरण एवं संसाधन नहीं है। बेहद परेशानियों का सामना करते हुए शहर के वार्डों में सफाई कार्य करना पड़ रहा है। कूड़ा उठाने वाली ठेलियां टूट चुकी है। प्रत्येक वार्ड में कूड़ा एवं सिल्ट उठाने के लिए अधिकतम पांच ठेली है। सफाई कर्मचारी रेन कोट और वर्दी न मिलने की भी शिकायत करते हैं।

कूड़ा उठाने के लिए अभी भी हाथों से खींच रहे हथठेल

एत्मादपुर, हिन्दुस्तान संवाद। एत्मादपुर के सफाई कर्मचारी बताते हैं कि शासनादेश के अनुसार सफाई कर्मियों का मासिक स्वास्थ्य परीक्षण आवश्यक है। उसके बाद भी सफाई कर्मियों का स्वास्थ्य परीक्षण नहीं कराया जा रहा है। गंदगी उठाने का कार्य करने के कारण कई प्रकार की बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। उसके बाद भी नगर पालिका के न केवल सेवाप्रदाता सफाई कर्मियों का हीं नहीं बल्कि नियमित एवं संविदा सफाई कर्मियों का भी स्वास्थ्य परीक्षण नहीं किया जा रहा है। उससे सफाई कर्मियों को बीमारी होने के बाद भी उसका पता नहीं चल पा रहा है। वे गंभीर बीमारियों का शिकार हो

सकते हैं।

मूलभूत सुविधाओं से वंचित: सफाई कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि नगर पालिका ने पिछले कई सालों से ठंडी एवं गर्म वर्दी नहीं दी है। पीएफ कटने के बाद भी सेवाप्रदाता एवं संविदा सफाई कर्मचारियों को उसका लेखा जोखा नहीं दिया जा रहा है। बेहद कम सफाई संसाधनों के साथ बमुश्किल सफाई कार्य किया जा रहा हैं। कूड़ा उठाने के लिए सफाई कर्मी अभी भी ठेलियों को हाथ से खींचना पड़ रहा है।

सफाई कर्मियों की शिकायत

वर्षों से सफाई कार्य करने के बाद भी नगर पालिका समय पर ठंडी एवं गर्म वर्दी नहीं देती, सेवा प्रताओं को शासनादेश के बाद भी बढ़ा कर वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है। पीएम का आज तक कोई लेखा जोखा नहीं दिया गया है। जबकि पीएम के नाम पर वेतन कटौती की जा रही है।

सुजित

सफाई कार्य कराने के लिए पालिका के पास पर्याप्त संसाधन नहीं है, अनावश्क दवाब बनाकर बेहतर सफाई कार्य कराने की अपेक्षा की जा रही है। सफाई कर्मियों को समय पर ना तो वेतन दिया जा रहा है और ना ही वर्दी। कई वर्षों से सफाई कर्मियों का मेडिकल नहीं चैकअप कराया गया है।

विक्की

सेवा प्रदाता एवं संविदा कर्मचारियों को पीएफ, एरियर, बोनस, मेडिकल चैकअप आदि किसी प्रकार की सुविधा नहीं दी जा रही है। वेतन भी इतना नहीं दिया जा रहा है। कि वह महंगाई के दौर में परिवार को भरण पोषण कर सकें। कई-कई महीनों का वेतन बकाया होने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती है।

सोनू

सुविधाओं के नाम पर सफाई कर्मियों का शोषण किया जा रहा है। सैकड़ों बार शिकायतें करने के बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया है। प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी वर्दी एवं वेतन का आश्वासन ही मिलता आया है। पालिका मनमाने ढंग से कार्य करा रही है।

शक्ति

बगैर संसाधन सफाई कार्य करने में अनेको दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ठेली, फावड़ा, तसला, झाडू आदि उपकरण वर्षों बाद दिए जाते है। समय पर वेतन भी नहीं मिलता, समान कार्य, समान वेतन के अनुसार भुगतान नहीं किया जा रहा। नगर पालिका मनमाने ढंग से कार्य कर रही है।

रंजीत कुमार

नगर पालिका में वार्डों की जनसंख्या के अनुसार सफाई कर्मी नहीं है। चार से पांच कर्मी ही पूरे वार्ड की सफाई कर रहे है। कर्मचारी कम होने से मेहतन काफी अधिक पड़ रही है। उसके बाद भी सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। कर्मचारियों की कोई सुनवाई नहीं की जा रही है।

सचिन कुमार

कार्य के प्रति सजग होने के बाद भी सफाई कर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है। थर्डपार्टी कंपनियों के माध्यम से काम कराकर मनमाने ढंग से वेतन भुगतान कराया जा रहा है। शासनादेश के अनुसार वेतन तो मिल ही नहीं रहा, मेडिकल सुविधाएं एवं वर्दी भी नहीं दी जा रही है। जितेंद्र सिंह

सफाई कर्मियों की मेडिकल जांच कराने के पालिका ने वर्षों से जांच शिविर नहीं लगवाया है। सफाई का कार्य गंदगी का कार्य है ऐसे में सफाई कर्मियों को अनेकों प्रकार की बीमारियों का खतरा बना रहता है। जांच होना जरुरी है। विजय कुमारी

सेवा प्रदाताओं को शासनादेश के अनुसार समान कार्य समान वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है। पीएफ के नाम पर पैसा काटा जा रहा है। बैकलॉक के नाम पर वाल्मीकि समाज का रोजगार छीना जा रहा है। शिखा देवी

सफाई कर्मी जिम्मेदारी के साथ ठंड गर्मी देखे बगैर कार्य करते है। विषम परिस्थियों में काम के बाद भी सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। अगर कर्मचारियों को उनका हक दिया जाए तो शहर की सूरत और भी बेहतर हो जाएगी। माला देवी

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