श्मशान घाट में जली चिता से अस्थियां चोरी
फतेहपुरसीकरी क्षेत्र के दूरा गांव में श्मशान घाट से जली चिता से अस्थियां चोरी होने का मामला सामने आया। एक ग्रामीण ने मवेशियों के इलाज के लिए अस्थियां चुराई। पंचायत में माफी मांगी और पीड़ित परिवार ने...
थाना फतेहपुरसीकरी क्षेत्र के दूरा गांव में श्मशान घाट से जली चिता से अस्थियां चोरी होने का अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। अस्थियां चोरी होने से परिवार में हड़कंप मच गया। छानबीन हुई तो गांव के ही एक व्यक्ति का नाम सामने आया। पंचायत में इस व्यक्ति ने अस्थियां चोरी करना कुबूला। सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी। दूरा निवासी मुरारी माहौर (50 वर्ष) पुत्र देवा लाल भगत की सात अगस्त को मृत्यु हो गई थी। परिजनों ने रीति-रिवाज से उनका अंतिम संस्कार कर दिया। अगले दिन आठ अगस्त को सुबह परिजन शमशान घाट पहुंचे। वहां भौचक्के रह गए। मुरारी के चिता स्थल से अस्थियां गायब थीं। परिजन वहां से खाली हाथ लौट आए। उन्होंने अस्थियां गायब होने की जांच की।
तब एक ग्रामीण का नाम प्रकाश में आया। उसे किसी ने चिता से अस्थियां ले जाते हुए देख लिया था। अब इस मामले को गांव में पंचायत बैठी। जिस व्यक्ति पर अस्थियां ले जाने का शक था उसे पंचायत में बुलाया गया। उससे पूछताछ की गयी। पंचायत में उसने अस्थियां लेजाने की बात कुबूली। यह भी बताया कि वह इन अस्थियों को भैंस के इलाज के लिए ले गया था। भरी पंचायत में उसने माफी मांगी। ऐसी हरकत कभी दोबारा न करने की कसम खाई। तब पीड़ित परिवार ने भी उसके विरुद्ध कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की।
अब गंगा में क्या करें विसर्जन
पीड़ित परिवार ने भले ही अस्थि चोर को माफ कर दिया लेकिन उसके सामने सवाल खड़ा हो गया है कि हिन्दू परंपरा के अनुसार अब गंगा नदी में क्या विसर्जन किया जाए। बताया गया है कि गांव से पांच साल पहले भी ऐसी घटना हो चुकी है। तब भी चिता जलने के बाद अस्थियां चोरी हुई थीं।
पूर्व बीडीसी है आरोपी
जली चिता से अस्थि चुराने वाला पूर्व बीडीसी है। उसने बताया कि भैंसों के देसी इलाज में ये अस्थियां इस्तेमाल होती हैं। हालांकि इस घटना के बाद गांव के लोग अस्थि चोर की काफी धिक्कार रहे हैं। यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।