लाठी के गुण बहुत हैं, सदा राखिए संग.......
Agra News - लाठी के कई गुण हैं, जैसे नदी पार करना, स्वंय की रक्षा करना, और बुजुर्गों को चलने में मदद करना। मार्गशीर्ष मेले में लाठियों की बिक्री होती है, जो किसानों और ग्रामीणों के लिए उपयोगी हैं। लाठियों की कीमत...
लाठी के गुण- - नदी या गहरे पानी को लाठी से पार कर सकते हैं
- स्वंय की रक्षा लाठी से की जा सकती है
- स्वान व जानवरों से लाठी बचाव करती है
- बुजर्ग होने पर लाठी चलने में मदद करती है
लाठी के गुण बहुत हैं सदा राखिए संग, गहरे नदी नाला पड़े तहां बचावें अंग। तहां बचावें अंग झपट कुत्ता को मारे, दुश्मन दावागीर होय तिन हूं का झारे। कह कविवर गिरिराय सुनहु ओ हमरे साथी, सब हथियारन छांड़ हाथ मा लीजे लाठी। गिरिधर कविराय की यह पंक्तियां लाठी के महत्व के बारे में आज भी प्रासांगिक है। तकनीकी की मदद से युद्धकला के बदलते दौर में भी लाठी का महत्व कम नहीं हुआ है।
सोमवार को मार्गशीर्ष मेला में लगी दुकान पर लोग बड़े ही मनोभाव के साथ लाठी खरीदने के लिए दुकानदार से मोलभाव करते दिखे। बदायूं में उसहैत थाना क्षेत्र के गांव न्यौली फतुहाबाद के राम नरेश कहते हैं कि मार्गशीर्ष मेला देखने आते हैं तो लाठी जरूर खरीदकर ले जाते हैं। बदलते दौर में भी लाठी की उपयोगिता कम नहीं हुई है। स्वान व जानवरों से बचाव में लाठी बहुत जरूरत है। खेतों की रखवाली के समय भी किसानों को लाठी की जरूरत होती है। किसान व ग्रामीण पहले स्वंय व परिवार की रक्षा के लिए भी लाठी घर पर रखते थे। प्रदेश में कानून व्यवस्था बेहतर होने की वजह सुरक्षा के लिए लाठी की जरूरत नहीं रह गई है। मार्गशीर्ष मेला में आए राम किशोर कहते हैं कि लाठी किसानों के लिए अभी भी उपयोगी बनी हुई हे। लाठियों की कई वेराइटी मार्गशीर्ष मेला में मिल जाती है। स्नान पर्वों पर या जब मेला देखने आते हैं तो लाठी खरीदकर जरूर ले जाते हैं। शहर के बाजारों में अच्छी लाठी नहीं मिलने की वजह से हर वर्ष मार्गशीर्ष मेला का इंतजार करते हैं।
मार्गशीर्ष मेला में 50 से 500 रुपये तक की लाठी
सोरों में चल रहे मार्गशीर्ष मेला में दुकानों पर 50 रुपये से 500 रूपये तक की लाठी बिक्री के लिए उपलब्ध है। दुकानदार हुकुम सिंह कहते हैं कि लाठियों की कीमतों में वृद्धि नहीं हुई है। किसान व ग्रामीण 250 रुपये से लेकर 500 रुपये तक की लाठी खरीदते हैं। बंदरों व जानवरों को भगाने के लिए लंबी लग्गी अधिक बिकती हैं। लग्गी देखते ही बंदर व स्वान भाग जाते हैं।
बोले दुकानदार
- मार्गशीर्ष मेला में बीते 15 वर्षों से लगातार लाठी की दुकान लगा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र से मेला देखने आने वाले लोग लाठी खरीदते हैं। शहर में बंदरों को भगाने के लिए लग्गी की बिक्री होती है।
पूरन सिंह दुकानदार
- मार्गशीर्ष मेला में पिता जी लाठी की दुकान लगाते थे। उन्हीं के साथ वह मेला में आते रहे हैं। लाठी की कीमतों में वृद्धि नहीं हुई है। दुकानों पर 50 से 500 रुपये तक की लाठी बिक्री के लिए उपलब्ध है।
संजीव कुमार, दुकानदार
- मार्गशीर्ष मेला में आने वाले लोग लाठी की उपयोगिता को द्रष्टिगत रखते हुए खरदीते हैं। स्वान व जानवरों को भगाने में लाठी काम आती है। मेला में दुकानों पर कई वेराइटी की लाठियां भी उपलब्ध रहती हैं।
रामनरेश, ग्राहक
- किसान व ग्रामीण मार्गशीर्ष मेला से लाठी खरीदकर ले जाते हैं। शहर व कस्बों दुकानों पर अच्छी लाठी नहीं मिलती। यदि मिलती भी है तो उसकी कीमत बहुत होती है। ग्रामीण क्षेत्रों में हर परिवार में लोग लाठी रखते हैं।
ओम सिंह, ग्राहक
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