Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़आगराMSMEs Backbone of Indian Economy Contributing 29 to GDP and Employing 11 Crore People

आत्मनिर्भर भारत में एमएसएमई की अहम भूमिका

भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ एमएसएमई हैं, जिनका जीडीपी में 29% योगदान है। ये निर्यात में भी आधे से अधिक का योगदान देते हैं और 11 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार देते हैं। आईसीएआई द्वारा आयोजित...

Newswrap हिन्दुस्तान, आगराTue, 20 Aug 2024 02:52 PM
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एमएसएमई भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। देश भर में अलग-अलग क्षेत्रों में चुपचाप काम कर रहे 6 करोड़ से ज़्यादा एमएसएमई एक मज़बूत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इन छोटे आर्थिक इंजनों का देश की जीडीपी पर बहुत बड़ा प्रभाव है। कुल जीडीपी में इनका योगदान 29 प्रतिशत है। देश से होने वाले निर्यात में इनका लगभग आधे का योगदान देते हैं। एमएसएमई क्षेत्र में 11 करोड़ से ज़्यादा लोग रोज़गार पाते हैं। रविवार को संजय प्लेस स्थित सीए इंस्टीट्यूट के परिसर में आईसीएआई एमएसएमई और स्टार्टअप यात्रा के माध्यम से यह जानकारी दी गई। आईसीएआई यात्रा वाहन द्वारा 100 शहरों में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य वित्तीय जागरूकता एवं शिक्षा को बढ़ावा देने का है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एनएसआईसी से समीर अग्रवाल रहे। शाखा अध्यक्ष अजय जैन ने बताया कि किस तरह सरकार छोटे उद्योगों को मदद करती है। लोग इनकी स्थापना करके देश की उन्नति में सहायक बन सकते हैं। समाज में अन्य व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की बदौलत स्टार्ट अप को मार्गदर्शन, प्रशिक्षण, रणनीति, साझेदारी और वित्तपोषण में मदद मिलती है। डॉ. रजत गोयल एवं भव्य वलेच्छा ने एमएसएमई के माध्यम से देश की तरक्की में शामिल होने का आह्वान किया। अंशु अग्रवाल ने नए उद्योग के पंजीकरण को लेकर जानकारी दी। इस दौरान कपिश अग्रवाल, हर्षित अग्रवाल, प्रखर गुप्ता, अंकित सिंघल, मोहित अग्रवाल सहित अन्य रहे। आभार सौरभ नारायण सक्सेना ने दिया।

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