प्रवासी पक्षियों को देखना है तो आइए गोखुर झील
Agra News - दिसंबर और जनवरी में चीन, तिब्बत, अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे देशों से 12500 से अधिक प्रवासी पक्षी दरियावगंज झील और गंगावन में आते हैं। इनमें सारस क्रेन, ब्लैक आईबी, कारामोनेट्स जैसी प्रजातियाँ शामिल...
चीन, तिब्बत, अफगानिस्तान, पाकिस्तान व देश के लद्दाक समेत बॉर्डर के देशों से आने वाले प्रवासी पक्षियों को देखना है तो दरियावगंज स्थित गोखुर झील, गंगावन व भागरीथ वन आइए। गोखुर झील व वनों में आपको सारस क्रेन, ब्लैक आईबी, कारामोनेट्स व गॉडबिल जैसी दर्जनों प्रजातियों के पक्षी दिसंबर माह में दिखेंगे। डीएफओ अपूर्व दीक्षित कहते हैं कि दिसंबर माह से प्रवासी पक्षियों का बड़ी संख्या में आना शुरू हो जाता है। दरियावगंज झील व वनों में पक्षियों की सुरक्षा के लिए इंतजाम किए गए हैं। वनों व झील में उन्हें भोजन के रूप में कीट व पतंगे मिलते हैं। झील व वनों के आस-पास पीने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध रहता है। चीन के तिब्बत, अफगानिस्तान व पाकिस्तान के सर्द क्षेत्रों में जब बर्फबारी शुरू होती है तो प्रवासी पक्षी हजारों किलोमीटर की दूरी तक करके कासगंज की झील व वनों में प्रवास करते हैं। दरियावगंज झील व गंगावन में चौकीदार की भी तैनाती है।
12500 से अधिक प्रवासी पक्षी आते हैं झील व वनों में
जनपद की दरियावगंज झील, गंगावन व भागीरथ वन सर्द मौसम में प्रवाासी व देशी पक्षियों को आसरा देता है। वन्य जीव विशेषज्ञ दिवाकर वशिष्ठ कहते हैं कि कासगंज की झील व वनों में दिसंबर व जनवरी में 12 हजार से अधिक प्रवासी पक्षी आकर प्रवास करते रहे हैं। इनमें 10 हजार से अधिक देशी पक्षी भी झील व वनों में प्रवास करते हैं। सर्दियां कम होते ही प्रवासी पक्षी अपने देशों के लिए वापस लौट जाते हैं।
यह प्रवासी पक्षी आते हैं झील व वनों में
दिसंबर व जनवरी माह में चीन, तिब्बत, अफगानिस्ताान, पाकिस्तान व अन्य देशों से सारस क्रेन, ब्लैक आईबी, कारामोनेट्स, गॉडबिल, गेलूज, वार हैडेड गूज, पर्पल मूरहन, पेंटेड स्टार्क, पेंटेड स्टार्क, ग्लेकनेक स्टार्क, फैलीकन व अन्य प्रजातियों के पक्षी विभिन्न देशों से प्रवास करने आते हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।