गिरफ्तारी के बाद थाने में फूट-फूटकर रोए मेडिकल छात्र
पुलिस की जांच में खुलेंगे बाहर बैठे सॉल्वरों के नाम आगरा। प्रमुख संवाददाता ...
एत्मादपुर स्थित एफएच मेडिकल कॉलेज के नकल करते पकड़े गए 10 एमबीबीएस छात्रों को अंदाजा नहीं था कि उनकी करतूत उन्हें थाने तक ले जाएगी। मुकदमा लिख जाएगा। रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद जब उनको थाने ले जाया गया तो उनके होश उड़ गए। थाने में फूट-फूटकर रोते हुए कैरियर की दुहाई देने लगे।
गिरफ्तारी के बाद मेडिकल छात्रों के चेहरे की हवाइयां उड़ी हुई थीं। हालांकि पुलिस ने किसी को हवालात में बंद नहीं किया। छात्र बार-बार पुलिस अधिकारियों से बोल रहे थे कि गलती हो गई, बचा लो। घरवालों को पता चलेगा तो बहुत दुखी होंगे। अच्छा होता पढ़ाई कर लेते। इनमें तीन छात्र ऐसे भी थे जिनके गले में डिवाइस वाला लॉकेट नहीं था। उनके पास मोबाइल मिला था। उनका कहना था कि वे नकल नहीं कर रहे थे। इनके चक्कर में फंस गए। पुलिस के मुताबिक, विवि के चीफ प्रोक्टर डॉ. मनोज श्रीवास्तव की तहरीर पर आईटी एक्ट, सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम और धोखाधड़ी की धारा के तहत मुकदमा लिखा गया है।
एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि इस पूरे मामले के पीछे कोई हाईटेक सॉल्वर गैंग हो सकता है। पुलिस पता लगा रही है कि छात्रों को बाहर से नकल कौन करा रहा था। आशंका है कि मेडिकल कॉलेज की परीक्षा के सॉल्वर मेडिकल छात्र ही होंगे। बाहर वाला उनके प्रश्नों के जवाब नहीं दे सकता। इस मामले में सॉल्वर के रूप में और भी डॉक्टर फंस सकते हैं।
यूं हुआ हाईटेक नकल का भंडाफोड़
खंदारी स्थित बेसिक साइंस विभाग में दूसरी मंजिल पर फार्मेसी विभाग में परीक्षा आयोजित की गई थी। आप्थलमालॉजी की परीक्षा में प्रो. वीके सारस्वत और डॉ. रवि शेखर पर परीक्षा की जिम्मेदारी थी। छात्रों के कान में नए स्टाइल का ईयर फोन था। जो दूर से नजर नहीं आता था। मगर जब इन सभी छात्रों ने बार-बार अपना हाथ कान पर लगाया तो परीक्षकों को शंका हुई और फिर जांच में भांडा फूट गया।
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