कान्हा गौशाला: घिरोर और सौंख से भी पिछड़ा आगरा
आश्चर्य की बात है। कान्हा गौशालाओं के निर्माण में नगर पंचायत घिरोर और सौंख भी आगरा से बहुत आगे निकल गए हैं। वहां गौशालाओं का निर्माण अंतिम चरण में है। जबकि आगरा में इसकी शुरूआत भर हो पाई है। इससे...
आश्चर्य की बात है। कान्हा गौशालाओं के निर्माण में नगर पंचायत घिरोर और सौंख भी आगरा से बहुत आगे निकल गए हैं। वहां गौशालाओं का निर्माण अंतिम चरण में है। जबकि आगरा में इसकी शुरूआत भर हो पाई है। इससे कमिश्नर खफा हैं। उन्होंने कार्य की रफ्तार और गुणवत्ता की जांच के निर्देश दिए हैं।
नगर विकास विभाग ने बीती आठ जून को भेजे गए शासनादेशों में प्रदेश भर से कान्हा गौशालाओं के निर्माण और भूसा/चारे के लिए बीते तीन सालों में उपलब्ध कराई गई धनराशि का विवरण तलब किया था। विवरण के मुताबिक आगरा नगर निगम को गौशाला निर्माण के लिए 50 लाख रुपये उपलब्ध कराए गए थे। धनराशि काफी पहले उपलब्ध करा दी गई थी। इसके बावजूद नगर निगम की प्रगति ठीक नहीं है। यमुनापार के नरायच में इस राशि से सिर्फ काम शुरू हो पाया है। नगर निगम ने यहां बेरीकेडिंग कराकर भूमि को अपने कब्जे में ले लिया है। जबकि दूसरे जिलों में काफी काम हो चुका है। विवरण के मुताबिक मथुरा की नगर पंचायत फरह में काम पूरा हो चुका है। नगर पंचायत बल्देव में 90 प्रतिशत, वृन्दावन में 80 प्रतिशत, छाता में नगर पंचायत गोकुल में 50 प्रतिशत, चौमुंहां में 60 प्रतिशत निर्माण कार्य हो चुका है। इसी तरह सौंख में 70, मैनपुरी की नगर पंचायत करहल में 35, घिरोर में 70, कुसमरा में 70, कुरावली में 95, किशनी में 25 और नगर पालिका परिषद मैनपुरी में 80 प्रतिशत काम हो सका है। फिरोजाबाद में नगर निगम ने 85 प्रतिशत काम पूरा करा लिया है।
सिर्फ फिरोजाबाद ने खरीदा भूसा
कान्हा गौशाला और बेसहारा पशु आश्रय योजना के तहत भूसे और चारे की व्यवस्था भी की गई थी। सभी गौशालाओं को इसके लिए अलग से धनराशि मुहैया कराई गई थी। मंडल भर में फिरोजाबाद को छोड़कर किसी और जिले ने इस मद के तहत एक रुपया भी खर्च नहीं किया है। जबकि फिरोजाबाद नगर निगम ने 1.33 लाख रुपये से भूसे और चारे की खरीद की है। शेष जिले फिसड्डी रहे हैं।
कमिश्नर ने दिए जांच के निर्देश
कमिश्नर ने कहा है कि यह मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले कार्यों में शामिल है। लिहाजा कार्यों की गुणवत्ता जांच कराई जाए। जांच समिति में प्रशासनिक अधिकारी, पशुपालन विभाग का अधिकारी, तकनीकी अधिकारी (अभियंता) शामिल करने को कहा गया है। भरण पोषण के लिए भी एसडीएम, तहसीलदार, पशुपालन विभाग के अधिकारियों की समिति गठित करके जांच के निर्देश दिए गए हैं।
नरायच में 2000 का आश्रय स्थल
नरायच में बनने वाली कान्हा गौशाला में करीब दो हजार पशुओं के रहने और खाने का प्रबंध किया जाएगा। यहां सिर्फ गाय ही नहीं, सांड़, बंदर, श्वान, शूकर आदि के लिए भी स्थान बनाया जा रहा है। हालांकि अन्य पशुओं की संख्या को देखते हुए यह उपवन भी भविष्य में छोटा पड़ सकता है। कारण कि आगरा में बंदर और कुत्तों की आबादी अच्छी-खासी है। इन्हें पकड़ना भी आसान नहीं है।
प्रगति रिपोर्ट
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नगर निगम आगरा : सिर्फ काम शुरू
फिरोजाबाद नगर निगम : 85 प्रतिशत
नगर पंचायत बल्देव : 90 प्रतिशत
नगर पंचायत वृन्दावन : 80 प्रतिशत
नगर पंचायत गोकुल : 50 प्रतिशत
नगर पंचायत चौमुंहा : 60 प्रतिशत
नगर पंचायत सौंख : 70 प्रतिशत
नगर पंचायत करहल : 35 प्रतिशत
नगर पंचायत घिरोर : 70 प्रतिशत
नगर पंचायत कुसमरा : 70 प्रतिशत
नगर पंचायत कुरावली : 95 प्रतिशत
नगर पंचायत किशनी : 25 प्रतिशत
पालिका परिषद मैनपुरी : 80 प्रतिशत
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