गांव में कचौड़ी नहीं बिकीं युवक ने जान दे दी
पिनाहट (आगरा)। थाना पिढौरा क्षेत्र के गांव पिढौरा में युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी। लॉकडाउन से पहले वह अहमदाबाद में हलवाई का कारीगर था। गांव आने पर कचौड़ी नहीं बिकने से हताश युवक ने फांसी लगा ली।...
पिनाहट (आगरा)। थाना पिढौरा क्षेत्र के गांव पिढौरा में युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी। लॉकडाउन से पहले वह अहमदाबाद में हलवाई का कारीगर था। गांव आने पर कचौड़ी नहीं बिकने से हताश युवक ने फांसी लगा ली। उसके घर में कोहराम मचा है। गांव पिढौरा निवासी भोला उर्फ जयप्रकाश (32) पुत्र सत्येंद्र सिंह लॉकडाउन से पहले अहमदाबाद में एक हलवाई का कारीगर था। लॉकडाउन के चलते मार्च के अंतिम सप्ताह में वह गांव आ गया। यहां काफी दिनों तक उसे काम नहीं मिला। उसका परिवार आर्थिक तंगी से घिर गया। तब भोला ने कचौड़ी बनाकर साइकिल से फेरी लगाना शुरू किया। घरवालों के अनुसार यहां कचौड़ी बिक नहीं रही थीं। रोजाना बड़ी संख्या में कचौड़ी खराब हो रही थीं। इससे भोला तनावग्रस्त था। मंगलवार रात उसने घर में फांसी लगा ली। जानकारी पर घरवाले उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिनाहट लेकर पहुंचे। वहां से उसे आगरा रैफर किया गया। इलाज के दौरान एसएन मेडिकल कॉलेज में बुधवार सुबह युवक की मौत हो गयीमां, पत्नी और तीन बच्चों के पोषण की थी जिम्मेदारी पिनाहट। भोला के पिता की करीब दस साल पहले हादसे में मौत हो गई थी। मां मल्ला देवी, पत्नी गीता देवी और तीन बच्चों का भार उसके कंधे पर था। उसके पास करीब दो बीघा खेत है। अकेले कमाने वाले की मौत से परिवार के भरण-पोषण को लेकर सवाल खड़ा हो गया है।
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