मक्का की फसल किसानों व इथेनॉल उद्योग के लिए वरदान
लुधियाना से आए कृषि वैज्ञानिकों ने फतेहपुर कलां में खरीफ की मक्का फील्ड दिवस आयोजित किया। किसानों को मक्का की फसल के फायदे और धान की खेती के पर्यावरणीय चुनौतियों के बारे में बताया गया। मक्का की खेती...
लुधियाना से आए भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों के द्वारा सोरों के फतेहपुर कलां में खरीफ की मक्का फील्ड दिवस आयोजित किया गया। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को मक्का की फसल के फायदे भी बताए। मंगलवार को आईआईएमआर के तुषार यादव ने किसानों को बताया कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य मक्का की खेती को बढ़ाना है। धान की खेती से उत्पन्न पर्यावरणीय और कृषि संबंधी चुनौतियों का समाधान किया जा सके। धान की फसल को उगाने में प्रति किलोग्राम करीब पांच हजार लीटर पानी की आवश्यकता होती है। जिससे भूजल स्तर में कमी आ रही है। पराली जलाने से वायु प्रदूषण में भी होता है। मक्का की फसल किसानों व इथेनॉल उद्योग के लिए काफी फायदेमंद है। फील्ड डे में कृषि उप निदेशक महेंद्र सिंह, अपर जिला कृषि अधिकारी रंजीत यादव और वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. एसएल जाट ने किसानों को पूर्व बुवाई उपचार, खरपतवार और पोषक तत्व प्रबंधन आदि की जानकारी किसानों को दी। गोष्ठी में फतेहपुर कला व आस-पास के किसान मौजूद थे।
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