संस्कृत भाषा ही नहीं जीवन जीने की कला है
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में भारतीय भाषा उत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें संस्कृत प्रतिभा खोज प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। कुलपति प्रो. आशु रानी की अध्यक्षता में छात्रों ने अपने संस्कृत ज्ञान का...
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की ओर से भारतीय भाषा उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें संस्कृत प्रतिभा खोज प्रतियोगिता का आयोजन केएम इंस्टीट्यूट में किया गया। मंडल स्तरीय प्रतियोगिता में छात्रों ने अपने संस्कृत ज्ञान का प्रदर्शन कर सभी को अचंभित कर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. आशु रानी ने की। मुख्य अतिथि सेंट जॉन्स डिग्री कॉलेज की सेवानिवृत्त संस्कृत विभाग की अध्यक्ष प्रो. मंजूलता शर्मा ने कहा कि संस्कृत जीवन जीने की कला है। आगरा परिक्षेत्र के संस्कृत पाठशाला उप निरीक्षक आनंदवीर सिंह ने सरकार द्वारा संस्कृत के उत्थान हेतु किए जा रहे कार्यों से समझाया।
संस्थान के निदेशक प्रो. प्रदीप श्रीधर ने उच्च शिक्षण संस्थानों में संस्कृत के विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या को महत्वपूर्ण बताया। कोऑर्डिनेटर डॉ. वर्षा रानी ने बताया कि कार्यक्रम में पांच प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। इन सभी में 52 से अधिक प्रतिभागी रहे। इन प्रतियोगिताओं में आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी जनपद के संस्कृत विद्यालयों के साथ अन्य विद्यालयों, महाविद्यालयों के प्रतिभागियों ने भी प्रतिभाग किया।
निर्णायक के रूप में डॉ. निशीथ गौड़, डॉ. श्याम मोहन मिश्र, मनोज कुमार, डॉ. वन्दना मिश्रा, डॉ अभिषेक तिवारी, डॉ. डौली शर्मा, डॉ. रेखा सिंह, डॉ. राजेंद्र दवे, प्रीति कुमारी रहीं। डॉ. अमित कुमार सिंह, डॉ.मोहिनी दयाल, डॉ. रमा, डॉ. चारु अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
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