नेशनल स्कूल गेम्स नहीं हुए तो 30 हजार बच्चों का होगा नुकसान
सत्र 2020-21 में नेशनल स्कूल गेम्स पर संकट खड़ा हो गया है। कोविड-19 के चलते अभी तक स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की एनुअल जनरल मीटिंग (एजीएम) नहीं हुई है। एजीएम में ही तय होता है कि कौन सा राज्य किस...
सत्र 2020-21 में नेशनल स्कूल गेम्स पर संकट खड़ा हो गया है। कोविड-19 के चलते अभी तक स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की एनुअल जनरल मीटिंग (एजीएम) नहीं हुई है। एजीएम में ही तय होता है कि कौन सा राज्य किस खेल का नेशनल टूर्नामेंट कराएगा। कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए अभी एजीएम होने की संभावना न के बराबर है। यदि वर्तमान सत्र में नेशनल स्कूल गेम्स नहीं हुए तो हजारों खिलाड़ियों का नुकसान होगा।
भारत सरकार की स्वायत्त संस्था स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) 60 साल से अधिक समय से नेशनल स्कूल गेम्स करा रही है। गेम्स में देशभर के करीब 30 हजार स्कूली बच्चे प्रतिभाग करते हैं। गेम्स के सर्टिफिकेट बच्चों के बहुत काम आते हैं। आमतौर पर प्रत्येक वर्ष मई अथवा जून में एसजीएफआई की एजीएम होती है। एजीएम में मौजूद 40 से अधिक संबद्ध यूनिट नेशनल स्कूल गेम्स कराने का जिम्मा लेती हैं। परंतु कोविड-19 के चलते इस वर्ष एजीएम नहीं हुई है। इस वजह से नेशनल भी अलॉट नहीं हुए हैं। आधा जुलाई बीत चुका है। वर्तमान माहौल को देखते हुए इस सत्र में नेशनल स्कूल गेम्स पर गंभीर संकट खड़ा हो गया है।
देशभर में बंद हैं स्कूल
उत्तर प्रदेश की तरह ही देशभर में फिलहाल स्कूल बंद हैं। स्कूलों को खोलने को लेकर अभी केन्द्र सरकार ने कोई गाइडलाइन जारी नहीं की है। स्कूल खुलने के बाद सरकार का जोर पहले पढ़ाई को पटरी पर लाना होगा। स्कूल बंद होने के चलते ज्यादातर शैक्षिक बोर्ड पाठ्यक्रम में कटौती भी करने का ऐलान कर चुके हैं। अब देखना यह होगा कि खेलों के प्रति सरकार का रुख क्या होगा।
फिलहाल स्कूल नेशनल कराने को लेकर कोई तैयारी नहीं है। भारत सरकार की गाइडलाइस के हिसाब से सबकुछ तय होगा। गाइडलाइंस आते ही एसजीएफआई अपनी तैयारियां शुरू कर देगा।
डॉ. राजेश कुमार मिश्र, महासचिव, एसजीएफआई
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