कासगंज के महावन से लौटेगा गंगा का पौराणिक स्वरूप
वन से पड़ोसी जनपदों की वायु भी शुद्ध होगी, 315 हेक्टेयर में साढ़े तीन लाख पौधे लगाने की...
सोरों के दतलाना गांव में तीन सौ 15 हेक्टेयर भूमि में बन रहे भागीरथ महावन से आस-पास के जनपदों का वातावरण भी शुद्ध होगा। गंगानदी के किनारे घने महावन में शीशम, खैर, पापड़ जैसे पौधे रोपित होंगे। जिसमें पशु पक्षियों को भी जगह होगी। महावन में पेड़ों का कटान और पशु व पक्षियों का शिकार प्रतिबंधित होगा। वन में जैव विविधता भी देखने को मिलेगी।सोरों के दतलाना गांव में वन विभाग ने साढ़े तीन लाख पौधे लगाने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। भागीरथ वन में बनने वाला महावन काफी घना होगा। गंगावन और भागीरथ वन के पौधे जब वृक्ष बनेंगे तो बदायूं, एटा, अलीगढ़ और हाथरस जनपदों के वातारवरण को शुद्ध करने में मदद मिलेगी। गंगा का पुराना स्वरूप लौटाने के लिए इसमें शीशम, ढाक, पापड़ और अन्य पौधे लगाए जाएंगे। महावन में गंगा की कटरी को भी संरक्षित किया जाएगा। जिससे जब पर्यटक तपोवन में जाएंगे तो उन्हें दृश्य काफी मनोरम तो दिखेगा ही भागीरथ वन प्रदेश में अपनी तरह का पहला वन होगा। जिसमें जैव विविधता व आध्यात्मिक केंद्र भी होंगे।
भागीरथ वन में गड्ढे खोदने का काम तेज : वन विभाग के अधिकारी पौधारोपण के लिए युद्ध स्तर पर गड्ढा खोदने का काम करवा रहे हैं। भागीरथ वन पर स्थानीय ग्रामीणों का पहला हक होगा। इसलिए पौधारोपण के लिए खोदे जा रहे गड्ढे व खाद के लिए स्थानीय ग्रामीणों से सहयोग लिया जा रहा है। दतलाना और आस-पास के गांवों से चार सौ लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। यह लोग गड्ढे खोदने के काम में लगाए जा रहे हैं।
फलदार वृक्षों पर होगा ग्रामीणों का हक:भगारीथ वन में लगने वाले फलदार पौधों पर स्थानीय ग्रामीणों का हक होगा। इसलिए स्थानीय लोगों को भी इस महावन के निर्माण में सहभागी बनाया जा रहा है। जब पौधे बड़े होंगे और उन पर फल आएंगे तो उसका लाभ भी ग्रामीणों को ही मिलेगा। गांव वाले कृषि यंत्रों को बनाने से संबंधित लकड़ी भी इन वृक्षों से ले सकेंगे।
गंगा आरती को बनेगा चबूतरा, महावन में बनेगी पंचवटी : पर्यटन के लिहाज से भी भागरीथ वन जनपद में मील का पत्थर साबित होगा। जिसमें पंचवटी बनाई जाएगी। साथ ही इसमें गंगा नदी की ओर चबूतरा बनाकर गंगा आरती का भी इंतजाम होगा। तपोवन में आध्यात्मिक पौधे लगाए जाएंगे। जिसमें पीपल, बरगद और रुद्राक्ष के पौधे भी शामिल होंगे। तपोवन में लोगों के लिए ध्यान करने के भी इंतजाम किए जाएंगे।
वर्जन-सोरों के दतलाना में बन रहे भागीरथ वन में पौधारोपण का काम तेज कर दिया गया है। वन विभाग एक साथ साढ़े तीन लाख पौधों को लगाएगा। भागीरथ वन जैव विविधता व तपोवन के रूप में तैयार किया जा रहा है। महावन में लगने वाले पौधों से आस-पास के जनपदों के वातावरण को भी शुद्ध करने में मदद मिलेगी। दिवाकर वशिष्ठ, डीएफओ, कासगंज।
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