एजेंट गांवों में सप्लाई करते थे नकली डीएपी
थाना अछनेरा के गांव कचौरा में नकली डीएपी सप्लाई करने वाले गिरोह का खुलासा हुआ है। एसटीएफ ने 65 बोरी नकली डीएपी बरामद की। चार आरोपी गिरफ्तार हुए हैं, जो किसानों को नकली डीएपी बेचते थे। गिरोह के एजेंटों...
थाना अछनेरा क्षेत्र के गांव कचौरा में नकली डीएपी पकड़े जाने के मामले में और भी खुलासे हुए हैं। यह गिरोह नकली डीएपी की सप्लाई एजेंटों के माध्यम से करता था। सिर्फ आगरा मंडल के जिले नहीं राजस्थान के शहरों में भी नकली डीएपी की आपूर्ति की जाती थी। पुलिस को गिरोह को कच्चा माल और खाली कट्टे उपलब्ध कराने वालों की तलाश है। एसटीएफ ने बुधवार को गांव कचौरा में दबिश दी थी। खेत में बने गोदाम से 65 बोरी नकली डीएपी बरामद की थी। चार आरोपी गोदाम संचालक हर्ष गाठैतम, टूंडला के हत्थी गढ़ी निवासी आकाश प्रताप सिंह, फिरोजाबाद के नारखी का आमिर खान और शास्त्रीपुरम का मुकेश गोस्वामी पकड़े गए थे। आरोपियों से नकली डीएपी के अलावा सिलाई मशीन, कीटनाशक, आई-10 कार, बाइक, मिनी ट्रक बरामद किए गए थे। इस दौरान आरोपियों ने टीम परअपनी मेटाडोर चढ़ाने का प्रयास किया था। थाना अछनेरा में आवश्यक वस्तु अधिनियम सहित अन्य धारा में मुकदमा दर्ज किया गया।
एक कट्टे पर तीन सौ रुपये तक कमीशन
एसटीएफ के निरीक्षक यतेंद्र शर्मा के मुताबिक यह गिरोह डीएपी की कालाबाजारी एजेंटों के माध्यम से करता था। गोदाम पर नकली डीएपी तैयार की जाती थी। फिर आसपास के जिलों और राजस्थान के एजेंटों को फोन करके बुलाया जाता था। वो कुछ ही घंटों में माल लेकर चले जाते थे। ये एजेंट गांवों में किसानों से संपर्क करते थे। किसानों को झांसे में लेकर उनको नकली डीएपी थमा देते थे। एजेंट को प्रत्येक कट्टे पर 200 से 300 रुपये तक का कमीशन मिलता था।
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