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दीक्षांत में अर्पिता पर बरसेगा सोना-चांदी

डॉ. भीमराव आंबेडकर विवि के 90वें दीक्षांत समारोह में एसएन मेडिकल कॉलेज की छात्रा अर्पिता चौरसिया को 8 पदक मिलेंगे, जिसमें 7 स्वर्ण और 1 रजत शामिल है। समारोह 22 अक्टूबर को होगा, जिसमें कुल 109 पदक...

Newswrap हिन्दुस्तान, आगराWed, 9 Oct 2024 08:41 PM
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डॉ. भीमराव आंबेडकर विवि के दीक्षांत समारोह में मेधाओं पर सोना-चांदी बरसेगा। इस बार सबसे अधिक पदक एसएन मेडिकल कॉलेज की छात्रा अर्पिता चौरसिया को मिलेंगे। विवि के 90वें दीक्षांत समारोह में अर्पिता के गले में आठ पदक आएंगे। एमबीबीएस की छात्रा डॉ. अर्पिता को सात स्वर्ण और एक रजत पदक मिलेगा। बता दें कि विवि सत्र 2023-24 के दीक्षांत समारोह का आयोजन 22 अक्तूबर को करेगा। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता विवि की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल करेंगी। दीक्षांत समारोह में विवि के विभिन्न पाठ्यक्रम और पेपर में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर लाखों से आगे रहने वाले मेधावियों को पदकों से नवाजा जाएगा। दीक्षांत में एक बार फिर से सबसे अधिक पदक एसएन मेडिकल कॉलेज से 2024 में एमबीबीएस करने वाली छात्रा को मिलेंगे।

पदक निर्धारण समिति के संयोजक प्रो. मो. अरशद के अनुसार दीक्षांत समारोह की सूची तैयार की गयी है। इसमें सबसे अधिक पदक एमबीबीएस की छात्रा अर्पिता चौरसिया को मिलेंगे। अर्पिता को आठ पदक दिए जाएंगे। हालांकि अभी सूची पर आपत्तियां मांगी हैं। प्रो. अरशद के अनुसार दीक्षांत समारोह में 109 पदक प्रदान किए जाएंगे। विवि दीक्षांत समारोह में 118 मेधावियों को पदक मिलेंगे।

अर्पिता ने पूरा किया पिता का सपना

आगरा। एसएन मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस बैच 2019 की छात्रा अर्पिता चौरसिया ने दीक्षांत में सबसे अधिक मेडल प्राप्त किए हैं। बांदा की रहने वाली अर्पिता चौरसिया ने बताया कि उनके पिता राजकिशोर चौरसिया डॉक्टर बनना चाहते थे। हालांकि परिवार की जिम्मेदारी के चलते वह अपना सपना पूरा नहीं कर सके।

परिवार के भरण पोषण के लिए वह किराना की दुकान चलाने लगे। अर्पिता ने बताया कि उन्होंने बचपन में ही सोच लिया था कि वह अपने पापा का सपना पूरा करने के लिए डॉक्टर बनेगी। उनका चयन नवोदय विद्यालय में हो गया। उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्होंने दक्षिणा फाउंडेशन के तहत इंटरमीडिएट की पढ़ाई और नीट की तैयारी कराने के लिए परीक्षा में प्रतिभाग किया।

इसमें देश भर से 40 छात्राओं का चयन हुआ। अर्पिता ने बताया कि इसमें उनका नाम भी शामिल था। तैयारी सिलवासा, दादर और नगर हवेली में की। पहली बार में परीक्षा दी और एमबीबीएस में एसएन मेडिकल कॉलेज में चयन हुआ। उन्होंने कहा कि उम्मीद नहीं थी कि इतने मेडल मिलेंगे। ये सभी आठ मेडल पापा को समर्पित हैं।

अर्पिता ने बताया कि अब उनके दो भाई-बहन एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। उनके पांच भाई बहन हैं, मां सीमा सिंह ग्रहिणी हैं। बड़ी बहन गुंजन चौरसिया केंद्रीय विद्यालय में शिक्षिका हैं। छोटा भाई राज आर्यन चौरसिया बीआरडी मेडिकल कालेज, गोरखपुर से एमबीबीएस कर रहा है, छोटी बहन बांदा मेडिकल कालेज से एमबीबीएस कर रही है।

जबकि सुहानी चौरसिया नीट की तैयारी कर रही है। अर्पिता चौरसिया ने बताया कि वे बीमारी को जड़ से खत्म करना चाहती हैं, यह सर्जिकल ब्रांच में ही संभव है। इसलिए, पीजी के बाद सर्जिकल ब्रांच में ही एमसीएच करना चाहती हैं।

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