विवि : लिखित होंगी सम सेमेस्टर की परीक्षा
Agra News - -डॉ. भीमराव आंबेडकर विवि ने जारी किया आदेश -मई सेमेस्टर की पूरी परीक्षा करायी
-डॉ. भीमराव आंबेडकर विवि ने जारी किया आदेश -मई सेमेस्टर की पूरी परीक्षा करायी जाएंगी लिखित
आगरा, वरिष्ठ संवाददाता।
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की मई में होने वाली सेमेस्टर परीक्षा अब पुराने पैर्टन पर होंगी। विवि परीक्षा को पूर्व की तरह लिखित कराएगा। लंबे समय के बाद ऐसा होगा कि विवि सभी छात्रों के सभी प्रश्न पत्रों की परीक्षाओं को लिखित मोड पर कराएगा। विवि की ओर से सम सेमेस्टर की परीक्षा ओएमआर के स्थान पर लिखित कराए जाने के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।
बता दें कि विवि की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर कॉलेजों के स्नातक के बीए, बीएससी और बीकॉम पाठ्यक्रम संचालित हैं। वहीं परास्नातक पर एमए, एमएससी और एमकॉम पाठ्यक्रम संचालित है। इन पाठ्यक्रमों की अभी विषम सेमेस्टर परीक्षा लिखित और ओएमआर पर करायी गयी थी। स्नातक की परीक्षा ओएमआर पर हुई। वहीं परास्नातक की परीक्षा लिखित में हुई। अब विवि ने परीक्षा के पूरे पैर्टन को बदल दिया है। परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओमप्रकाश के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अन्तर्गत संचालित स्नातक एवं परास्नातक पाठ्यक्रम की परीक्षा के प्रारुप में बदलाव किया गया है। सम सेमेस्टर यानि कि मई में आयोजित होने वाली परीक्षाओं के प्रारूप के संबंध में दो अक्तूबर को हुई बैठक में फैसले लिए गए थे। इसी बैठक के फैसलों को परीक्षा समिति में रखा गया और उसके बाद परीक्षा समिति के कार्यवृत्त को कार्य परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया गया। कार्य परिषद ने संबंधित कार्यवृत्त पर मुहर लगा दी है। ऐसे में कार्य परिषद के स्वीकृति के अनुपालन में परीक्षाओं को वर्णनात्मक (लिखित) प्रारूप पर आयोजित कराया जाएगा। इसलिए सम सेमेस्टर की परीक्षाएं वर्णनात्मक यानि लिखित प्रारूप पर सम्पन्न करायी जाएगी।
परीक्षा की व्यवस्था में सुधार जरुरी, दिए हैं सुझाव
औटा महामंत्री डॉ. संजय मिश्रा के अनुसार संगठन का रुख पहले से ही स्पष्ट था। अब संगठन का प्रयास समय से पढ़ाई शुरू कराने और समय पर परीक्षा कराने का है। संगठन फिर से स्पष्ट करता है कि परीक्षा को शैक्षिक कैलेंडर के अनुसार समयबद्ध तरीके से सम्पन्न कराया जाए। क्योंकि कॉलेजों से कोई भी शिक्षक अवकाश के दौरान परीक्षा कराने में विश्वविद्यालय का सहयोग नहीं करेगा। डॉ. मिश्रा के अनुसार विवि को यदि इसके लिए परीक्षा की व्यवस्था में सुधार की जरुरत है, तो वह कर सकता है। इस संबंध में उनके द्वारा सुझाव भी दिए गए हैं। इसमें केन्द्र निर्धारण से लेकर परीक्षा के दौरान सचल दलों की व्यवस्था और मूल्यांकन के बाद परिणाम जारी करने तक को शामिल किया गया है।
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