Notification Icon
Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़आगराCourt Sentences Man to Life Imprisonment for Rape of Six-Year-Old Girl in Agra

अबोध बालिका से दुराचार के आरोपी को उम्र कैद

आगरा में छह साल की बालिका से दुराचार के मामले में आरोपी शमशाद को अदालत ने दोषी पाया। विशेष न्यायाधीश ने उसे आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। घटना 15 मार्च 2018 को हुई थी, जब आरोपी ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, आगराTue, 17 Sep 2024 01:32 PM
share Share

आगरा। छह साल की अबोध बालिका से दुराचार एवं पॉक्सो एक्ट के मामले में आरोपी शमशाद को अदालत ने दोषी पाया है। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सोनिका चौधरी ने आरोपी को आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास) एवं पचास हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि जुर्माने की राशि जमा किए जाने की दशा में समस्त अर्थदंड की राशि पीड़िता को प्रदान की जाए। वादी ने 15 मार्च 2018 को थाना एत्मादुद्दौला पर तहरीर देकर आरोप लगाया कि उसकी छह साल की पुत्री घर के बाहर खेल रही थी। तभी आरोपी शमसाद उसकी पुत्री को उठाकर अपने घर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। थाना एत्मादुद्दौला के तत्कालीन निरीक्षक/विवेचक कमलेश सिंह ने 16 मार्च को आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। विवेचक द्वारा विवेचना के बाद 23 मई 18 को आरोपी के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया।

अभियोजन की ओर से एडीजीसी सुभाष गिरि एवं विशेष लोक अभियोजक विजय किशन लवानियां ने वादी समेत नौ गवाह पेश किए। इसमें वादी, उसकी पत्नी, पीड़िता, एसआई, निरीक्षक जयेंद्र कुमार मौर्या, कमलेश सिंह, डॉक्टर एवं प्रधानाचार्य की गवाही हुई। इसमें पीड़िता आदि की गवाही अहम रही। एडीजीसी सुभाष गिरि ने घटना से जुड़े अहम साक्ष्य भी प्रस्तुत किए।

आरोपी का कृत्य वीभत्स प्रकृति का

अदालत ने आदेश में कहा कि यह प्रकरण एक सामान्य बलात्कार का अपराध नहीं है। अभियुक्त द्वारा करीब छह वर्ष की अबोध बालिका के साथ गुरुतर प्रवेशन लैंगिक हमला किया गया है। अभियुक्त का उपरोक्त कृत्य वीभत्स प्रकृति का है। हमारे देश में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं का अभियान वृहद स्तर पर चल रहा है। लेकिन दुख का विषय है कि हम आज भी अपनी अबोध बालिकाओं को लैंगिक हमलों के अपराध से बचाने में पूर्णत: सफल नहीं हो पा रहे हैं तथा समाज में यह कुरुति मिट नहीं रही है। यदि इस प्रकार के अपराधों पर समाज में सख्ती से रोकने का प्रयास नहीं किया गया तो अवयस्क बालक तथा बालिकाओं का जो कि हमारे देश का भविष्य हैं, का सामाजिक व शैक्षिक विकास नहीं हो पाएगा।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें