तिरंगा फहराने के दौरान छत से गिरने से बालक की मौत
एत्मादपुर कस्बे में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा फहराते समय दस साल के हैदर खान की गिरकर मौत हो गई। मोहल्ले में शोक की लहर दौड़ गई। हैदर ने मोहल्ले में सबसे ऊंचा तिरंगा फहराने का जुनून पाला था।...
एत्मादपुर कस्बे में गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मकान की तीसरी मंजिल पर तिरंगा झंडा फहराने के दौरान दस साल के बच्चे की गिरने से मौत हो गयी। मोहल्ले में शोक छा गया। क़स्बे के मोहल्ला शतुर्वान निवासी हैदर ख़ान (10) पुत्र स्व. अन्नू स्वतंत्रता दिवस पर घर-घर तिरंगा झंडे वितरित कर रहा था। पूरे मोहल्ले में झंडे वितरित करने के बाद वह अपने घर की छत पर पहुंचा। वहां उसने तिरंगा झंडा लगाया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार उसने मेरी जान तिरंगा है और जय हिंद के नारे लगाए। अचानक उसका संतुलन बिगड़ गया। हैदर मकान की तीसरी मंज़िल से सिर के बल नीचे ज़मीन पर आ गिरा। मौके पर ही उसकी मौत हो गयी। इससे कस्बे में शोक छा गया। हैदर के घर पर भीड़ इकट्ठी हो गयी।
सबसे ऊंचा तिरंगा फहराने का था जुनून
एत्मादपुर। सभासद मुफ़ीस ख़ान ने बताया कि बचपन में ही हैदर के पिता अन्नू ख़ान की मृत्यु हो गयी थी। वह परिवार में सबका लाडला था। हैदर काफ़ी हंसमुख था। पूरे मोहल्ले में लोकप्रिय था। वह कह रहा था कि पूरे मोहल्ले में सबसे ऊंचा तिरंगा वह लगाएगा।
मां ने नहीं उतरने दिया तिरंगा
एत्मादपुर। हैदर की मौत के बाद बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हो गए। कुछ लोगों ने छत पर लगे तिरंगा झंडा हटाने की बात कही। हैदर की मां ने इससे इनकार कर दिया। मां फ़रज़ाना ख़ान ने कहा कि उनका बेटा तिरंगे के लिए शहीद हुआ है। तिरंगा उनके मकान की छत पर फहरता रहेगा।
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