बटेश्वर में सिमटने लगा ऊंट का मेला
बटेश्वर में ऊंटों का मेला सिमटने लगा है क्योंकि खरीदार कम हो गए हैं। व्यापारी और किसान महज चार दिन में लौटने लगे हैं। हालांकि, घोड़ों और गधों की बिक्री जारी है, जिससे जिला पंचायत को अच्छी आमदनी हुई...
बाह। बटेश्वर में ऊंटों का मेला सिमटने लगा है। लोक मेले की तैयारियां तेज हो गई हैं। अब खरीदार न होने की वजह से महज चार दिन बाद ही अपने ऊंट के साथ व्यापारी और किसान लौटने लगे हैं। हालांकि घोड़ों और गधों का मेला आबाद है। बिक्री भी हो रही है। जिला पंचायत के राजस्व निरीक्षक धारा सिंह ने बताया कि शुक्रवार तक मेला से जिला पंचायत को 3.74 लाख रुपये की आमदनी हुई है। जिसमें घोड़ों के रजिस्ट्रेशन से 2.04 लाख रुपये, ऊंट व गधे के रजिस्ट्रेशन से एक लाख रुपये, पशु ट्रांसपोर्ट से 70 हजार की आमदनी शामिल है। आने वाले दिनों में आमदनी का आंकड़ा और बढ़ेगा। बटेश्वर में गधों की आवक शनिवार को भी जारी रही। खच्चर भी खूब बिक रहे हैं। ऊंटों का मेला सिमटने लगा है। ऊंट लेकर व्यापारी और किसान वापस लौट रहे हैं। बोले कि खरीदार कम होने की बजह से पुष्कर के मेले के लिए जा रहे हैं। बटेश्वर के पशु मेले का दायरा सिमटने के साथ ही जिला पंचायत ने लोक मेले की तैयारियां तेज कर दी हैं। बटेश्वर के घाट पर होने वाले स्नान पर्व को लेकर मेला पुलिस ने पांच वॉच टावर बनवाए हैं। वॉच टावरों से स्नान से लेकर मेला क्षेत्र की पुलिस निगरानी कर सकेगी। मेले के लिए सांस्कृतिक मंच तैयार हो गया है। खेल मेले के लिए रजिस्ट्रेशन शनिवार से शुरू हो गये। अपर मुख्य अधिकारी उमेश चन्द ने बताया कि राजा बदन सिंह की स्मृति में बटेश्वर मेले में खेल गांव बनाया जा रहा है। जिसमें खेल स्पर्धाएं आयोजित होंगी।
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