डाकघरों में आधार के लिए सुबह पांच बजे से लगी लाइनें
आगरा में आधार कार्ड और उसमें संशोधन के लिए लोगों को लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता है। प्रतापपुरा प्रधान डाकघर पर सुबह से शाम तक लोग टोकन के लिए इंतजार करते रहते हैं। मशीनें कम चल रही हैं और बैठने की...
आगरा, वरिष्ठ संवाददाता। नया आधार कार्ड और उसमें संशोधन ताजनगरी के लोगों की मुसीबत बना हुआ है। प्रतापपुरा प्रधान डाकघर पर 50 रुपये संशोधन धनराशि देने के बाद भी सहूलियत नाम की चीज नहीं हैं। सुबह पांच बजे से दोपहर दो बजे तक नंबर की प्रतीक्षा लोग करते हैं। परिसर में बैठने की व्यवस्था तक नहीं हैं। गर्मी में पेड़ों के नीचे बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं खड़े होकर नंबर की प्रतीक्षा करते हैं। मंगलवार को नैनाना जाट से शकुंतला सुबह पांच बजे परिसर में पहुंची थीं। दोपहर एक बजे तक उनका नंबर नहीं आया था। उन्हें टोकन जरूर मिल गया था। आगरा में शुरुआत से ही नया आधार, उसमें संशोधन को लेकर मारामारी रही है। यूआईडीएआई के संजय प्लेस केंद्र पर भी हर रोज 1,500 के करीब लोग पहुंचते थे। ये केंद्र अब बंद हो गया है। इसके बाद ये पूरी भीड़ डाकघर के आधार केंद्रों पर निर्भर है। यहां भी आलम ये है कि 92 मशीनों में से महज चुनिंदा स्थानों पर मशीन संचालित हैं। शेष डाकघरों में बंद हैं। प्रधान डाकघर बिजली घर, प्रतापपुरा, संजय प्लेस और दयालबाग पर निरंतर मशीनें चल रही हैं। कुछ मशीनें डबल हैंड डाकघरों में भी चलाई जा रही है। बैंक ने मशीनें बंद कर दी हैं। इससे स्थिति ज्यादा खराब है। आलम ये है कि अभी राशन कार्ड में बायोमैट्रिक का कार्य चल रहा है। बड़ी संख्या में लोग आधार कार्ड अपडेट के लिए पहुंच रहे हैं। प्रतापपुरा प्रधान डाकघर पर टोकन के लिए सुबह चार बजे से लाइन लग जाती है। टोकन प्राप्त करने के बाद सुबह से शाम तक नंबर की प्रतीक्षा होती है। मधु नगर की अंजू सुबह 11 बजे पहुंची थीं। उनके पास टोकन था। वे तीन बच्चों को लेकर आई थीं। उन्हें बच्चों के आधार बनवाने थे। ताकि, राशन कार्ड में चढ़वा सकें। लेकिन, दोपहर दो बजे तक इनका नंबर नहीं आया था। नैनाना जाट की नंदी सुबह नौ बजे आई थीं। एक पेड़ के नीचे खड़े होकर इंतजार कर रहीं थीं। गर्मी से हालत खराब थी। इनका भी दो बजे तक नंबर नहीं आया था। बाद से प्रयाग नारायण सुबह नौ बजे पहुंचे थे। इन्हें टोकन तक नहीं मिला था। टोकन की प्रतीक्षा में खड़े थे।
तीन मशीनों पर हो रहा है काम
यूआईडीएआई के आधार सेंटर की तर्ज पर प्रतापपुरा प्रधान डाकघर में आधार सेंटर बनाया गया था। यहां कई मशीनें लगाई गई थीं। लेकिन, इसमें से केवल तीन मशीनें संचालित हैं। गेट पर बैठा कर्मचारी नंबर से आवाज लगाता है। बाहर पेड़ों के नीचे खड़े होने वाले लोग नंबर से अंदर जाते हैं। लोगों को ये जानकारी तक नहीं होती कि उनका नंबर कितनी देर में आएगा। ऊपर से साहब के कुछ मिलने वाले इन लोगों के नंबर काटकर डायरेक्ट एंट्री भी पाते हैं। उमसभरी गर्मी में बच्चों को लेकर घंटों तक महिलाएं यहां भूखी प्यासी पड़ी रहती हैं।
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