औषधि निरीक्षक की लापरवाही, आरोपी बरी
आगरा में औषधि निरीक्षक धर्मेंद्र कुमार को ड्रग एक्ट और धोखाधड़ी के मामले में बरी किया गया। विशेष न्यायाधीश मृदुल दुबे ने कहा कि पुलिस को विवेचना का अधिकार नहीं था। अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में...
आगरा। ड्रग एक्ट एवं धोखाधड़ी में औषधि निरीक्षक ने लापरवाही बरती। औषधि निरीक्षक को परिवाद दायर करना चाहिए था और पुलिस के पास उपरोक्त प्रकरण में विवेचना का कोई अधिकार नहीं था, फिर भी पुलिस द्वारा उक्त मामले में विवेचना कर आरोप पत्र दाखिल किया था जो कि किसी सूरत में विधि संगत नहीं था। विशेष न्यायाधीश (ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट) मृदुल दुबे ने आरोपित धर्मेन्द्र कुमार को बरी करने के आदेश दिए। वहीं, आरोपित की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विराट कृष्ण सक्सेना ने तर्क दिए कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में असफल रहा है। थाना डौकी में दर्ज मामले के मुताबिक, 26 नवबंर 2010 को वरिष्ठ औषधि निरीक्षक कानपुर मंडल अनुरुद्ध सिंह, तत्कालीन उप जिलाधिकारी फतेहाबाद, औषधि निरीक्षक बरेली आदि एवं पुलिस द्वारा संयुक्त कार्रवाई कर फतेहाबाद स्थित मै. शर्मा मैडिकल स्टोर पर छापा मारा था।
आरोप था कि मेडिकल स्टोर संचालक धर्मेंद्र कुमार के मौके पर मिलने पर उससे मेडिकल स्टोर का लाइसेंस मांगा एवं मेडिकल स्टोर में बिक्री को रखी दवाओं के क्रय विक्रय बिल मांगें। जिन्हें संचालक द्वारा नहीं दिखाया जा सका। दो औषधियों के नमूने जांच को लिए गए। बरामद दवाओं को थानाध्यक्ष की सुपुर्दगी में दिया गया था। उक्त मामलें में आरोपित के विरुद्ध ड्रग एक्ट एवं धोखाधड़ी की धारा में थाना डौकी में मुकदमा दर्ज हुआ। अभियोजन पक्ष की तरफ से उक्त मामले में वरिष्ठ ओषधि निरीक्षक अनुरुद्ध कुमार, औषधि निरीक्षक बरेली, विवेचक को गवाह के रुप में पेश किया।
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