तालाब में गिरने से रोके गंदे नाले अब मार रहे उफान
उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तालाब के गंदे पानी का नमूना लेने के बाद छावनी परिषद हरकत में आ गया है। गंदे नालों को तालाब में गिरने से रोक दिया गया है। भूमिगत नाला भ्रष्टाचार के कारण काम नहीं कर...
आगरा। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आगरा इकाई द्वारा छावनी के सरदार पटेल उद्यान स्थित तालाब के गंदे पानी का नमूना लेने के बाद छावनी परिषद भी हरकत में आ गया है। तालाब में गिर रहे गंदे नालों को तत्काल रोक दिया है। पंप से तालाब को खाली करने की तैयारी है। सवा करोड़ रुपये की लागत से बना भूमिगत नाला भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। नाले की लेवलिंग सही न होने के कारण टक्कर तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। इंजीनियरों ने अपनी कारगुजारी छिपाने को क्षेत्र के गंदे नाले स्वच्छ जल के तालाब में खुलवा दिए थे। जिसके कारण आस-पास के क्षेत्र में बीमारी फैलने के साथ भूगर्भ जल दूषित होने की आशंका बनी हुई थी। जिसका उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड संज्ञान लिया। तालाब के पानी का नमूना लेकर जांच को भेजा है।
रिपोर्ट के आधार पर छावनी पर कार्रवाई की तैयारी है। लिहाजा ऐसे में छावनी परिषद सतर्क हो गया है। नोटिस या कार्रवाई से पहले तालाब में गिरने वाले गंदे नालों को रोक दिया है। भूमिगत नाले में पुन: गंदे पानी छोड़ा जा रहा है। मगर टक्कर रोड़ के नाले तक न के बराबर पानी पहुंच रहा है। जिसके कारण क्षेत्र के नाले नालियां उफनने लगी हैं। जिसके कारण स्थानीय लोगों को बारिश में गली मोहल्लों के साथ बाजार आदि में जलभराव की समस्या का भय सता रहा है।
सीईओ हरीश वर्मा पी ने बताया कि तालाब में दूषित जल बिल्कुल नहीं जाने दिया जाएगा। गंदे पानी को निकालने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।
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