या थू क्लोसेट में सुरक्षित रहेंगे गगनयान मिशन के पैराशूट और टेक्सटाइल मेटेरियल
आगरा में एडीआरडीई ने गगनयान मिशन के पैराशूट और टेक्सटाइल मटेरियल को 10 साल तक सुरक्षित रखने के लिए स्वदेशी या थू क्लोसेट का निर्माण किया। इस क्लोसेट का उद्घाटन डीआरडीओ और इसरो के निदेशकों ने किया। यह...
आगरा। एडीआरडीई ने भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के पैराशूट, टेक्सटाइल मेटेरियल को 10 साल तक सुरक्षित रखने के लिए अत्याधुनिक या थू क्लोसेट का निर्माण किया है। एडीआरडीई द्वारा विकसित क्लोसेट पूरी तरह स्वदेशी है और देश में पहली बार बनाया गया है। गुरुवार को एडीआरडीई आगरा के परिसर में या थू क्लोसेट का उद्घाटन डीआरडीओ के महानिदेशक डॉ. एमजेड सिद्दीकी और विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (इसरो) के निदेशक डॉ. एस उन्नीकृष्णन नायर ने फीता काटकर किया। अतिथियों का स्वागत एडीआरडीई के निदेशक डॉ. मनोज कुमार, सह निदेशक राजीव जैन, प्रोग्राम लीडर गगनयान स्वदेश कुमार ने किया। एडीआरडीई के निदेशक डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि एडीआरडीई द्वारा विकसित स्वदेशी या थू क्लोसेट गगनयान मिशन के टेक्सटाइल मटेरियल और पैराशूटों के लिए एक अत्याधुनिक स्टोरेज सुविधा है। इसमे पैराशूट स्टोरेज की स्थिति मानव रेटिंग मानकों के अनुसार रखी जाएगी। इससे पैराशूट की शेल्फ लाइफ 10 साल से अधिक होगी। या थू क्लोसेट में गगनयान परियोजना में अंतरिक्ष से लौटते समय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग के लिए आवश्यक पैराशूटों, टेक्सटाइल फैब्रिक एवं रॉ मटेरियल को यहां सुरक्षित रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि क्लोसेट का आकार गगनयान के क्रू-मॉड्यूल के सामान 1:8 के अनुपात में रखा गया है जो कि 5 डिग्री के कोण पर झुका है। या थू क्लोसेट के उद्घाटन के अवसर पर एडीआरडीई द्वारा विकसित सैन्य लड़ाकू पैराशूट प्रणाली (एमसीपीएस) का प्रदर्शन भी हुआ। चीफ टेस्ट जंपर विंग कमांडर विशाल लोकेश वीएम द्वारा मलपुरा ड्रॉप जोन ने एमसीपीएस का प्रदेर्शन किया। इस दौरान डीआरडीओ के वैज्ञानिक मनीष भटनागर, विपिन वर्मा, अनुराग यादव, रिषभ सिंह, कृष्नेन्दु और डिप्टी पीआरओ सुनील सैनी आदि मौजूद रहे।
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