फिर ट्रेन पलटाने की साजिश, मलिहाबाद में रेलवे ट्रैक पर मिला लकड़ी का बोटा; जांच को पहुंची एटीएस
- हाल ही में पाकिस्तान में मौजूद फरहतुल्ला गौरी ने टेलीग्राम पर एक वीडियो भी जारी किया था। जिसमें रेल ट्रैक समेत सप्लाई चेन को नुकसान पहुंचाने के लिए कहा था। ऐसे ही कानपुर में तीन बार ट्रेन को डिरेल करने का प्रयास किया गया था।
Conspiracy to derail train: यूपी में एक बार फिर ट्रेन पलटाने की साजिश सामने आई है। लखनऊ के मलिहाबाद डाउन लाइन ट्रैक पर लकड़ी का बोटा रख कर ट्रेन को डिरेल करने साजिश रची गई थी। वरिष्ठ अभियंता रेलपथ की तहरीर पर मलिहाबाद कोतवाली में मुकदमा दर्ज होने के बाद शनिवार को एटीएस की टीम भी जांच के लिए पहुंची। रेलवे और महिलबाद इंस्पेक्टर से एटीएस अधिकारियों ने घटना के बारे में जानकारी ली। हाल ही में पाकिस्तान में मौजूद फरहतुल्ला गौरी ने टेलीग्राम पर एक वीडियो भी जारी किया था। जिसमें रेल ट्रैक समेत सप्लाई चेन को नुकसान पहुंचाने के लिए कहा था।
सभी जगह मिल रहा एक ही पैटर्न: बरेली-वाराणसी एक्सप्रेस के लोको पॉयलट ने समय रहते रेलवे ट्रैक पर रखे बोटे को देख लिया था। जिससे बड़ा हादसा टल गया। ऐसे ही कानपुर में तीन बार ट्रेन को डिरेल करने का प्रयास किया गया। वैसे ही मलिहाबाद में रेलवे ट्रैक पर दो फीट लंबा और छह किलो वजन का बोटा रखा गया था। यह बात जांच में सामने आई। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि लोको पॉयलट के सर्तकता बरती। लेकिन रेल ट्रैक पर बोटा रखे जाने से करीब दो घंटे तक यातायात बाधित रहा। जिससे काफी परेशानी का सामान करना पड़ा। शनिवार को एटीएस इंस्पेक्टर विक्रम सिंह ने भी पुलिस और रेल अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंच कर जांच की। वहीं, पुलिस की सर्विलांस टीम ने गुरुवार रात घटनास्थल के पास सक्रिय मोबाइल नम्बरों की डिटेल भी खंगाली है।
ट्रैक मैन की कमी से जूझ रहा रेलवे
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में पिछले एक साल में 145 किमी का नया ट्रैक बिछा है। इसके लिये कम से कम 24 नये ट्रैकमैन चाहिए, जिससे कि पेट्रोलिंग (निगरानी) की जा सके, लेकिन आलम यह है कि यहां 1200 से ज्यादा पद खाली हैं। जिसकी वजह से कामकाज प्रभावित हो रहा है। इसी वजह से रेलवे ट्रैक पर बाधा उत्पन्न करने वाली चीजें लगातार मिल रहा हैं। शुक्रवार को काकोरी के पास रेलवे ट्रैक पर मिले लकड़ी के टुकड़े ने रेलवे की संरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े किये हैं। ऑन इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कर्मचारियों की कमी पर सवाल खड़े किये हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि भर्ती हो रही है, लेकिन एक लाख और कर्मचारियों की जरूरत है। लखनऊ मंडल में कुल ट्रैक करीब 2374 किलोमीटर है। इस दौरान 1497 रोड किलोमीटर का रूट है। लखनऊ से बाराबंकी और जाफराबाद से जौनपुर तक ट्रैक के डबलिंग का काम किया गया है। पिछले एक साल में कुल 146 किलोमीटर का ट्रैक बढ़ा है। कर्मचारियों के मुताबिक नाइट पेट्रोलिंग शुरू होने वाली है, लेकिन कर्मचारियों को जरूरी सुविधा नहीं दी गई है। ट्रैक मैन रेलवे पटरियों का निरीक्षण करने का काम करते हैं। इसमें जरूरी खामियों के बारे में वह अपडेट देते हैं। मानकों के अनुसार 06 किलोमीटर तक पटरियों का निरीक्षण करने पर 01 की मैन, 01 ट्रॉली मैन और 13 ट्रैक मैन की आवश्यकता होती है, जिसके अनुसार फिलहाल उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल में 1200 ट्रैक मैन की जरूरत है, जबकि कुल पदों की संख्या 5600 है। इसमें 4,400 ट्रैक मैन फिलहाल मौजूद हैं।
लकड़ी के साथ पटरी पर रखे गए थे पत्थर
रेलवे स्टेशन से 100 मीटर की दूरी पर यह साजिश हुई है। रेलवे लाइन के किनारों पर आम के बाग और नर्सरियां है। इनम तमाम मजदूर काम करते हैं। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि दिन में यहां काम करते हैं। रात 9 बजे तक लौट जाते हैं। शुक्रवार को पुलिस और रेलवे के अधिकारियों की भीड़ देखकर घटना की जानकारी मिली। पटरी पर लकड़ी के साथ पत्थर भी रखे मिले थे।
कहीं वोल्फ अटैक तो नहीं
अगस्त महीने में पाकिस्तान में बैठे फरहतुल्ला गौरी ने भी टेलीग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया था। जिसमें विशेष तौर पर रेलवे को निशान बनाने के लिए लोगों को उकसाया। फरहतुल्ला ने वोल्फ अटैक की तर्ज पर घटनाएं करने के लिए भी प्रेरित किया था। यह वीडियो सामने आने के बाद से ही देश भर की सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटी है।
क्या बोली पुलिस
डीसीपी पश्चिम ओमवीर सिंह ने कहा कि ट्रैक पर लकड़ी का लट्ठा रखे जाने की सूचना आरपीएफ ने दी थी। रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर अजय कुमार ने मुकदमा दर्ज कराया है। जिसके आधार पर जांच की जा रही है।