Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़After teachers in UP now a constable caught working on fake papers for 31 years lost his job and also jailed

यूपी में शिक्षकों के बाद अब 31 साल से फर्जी कागज पर नौकरी करता पकड़ाया सिपाही, चली गई नौकरी, जेल भी

  • यूपी के श्रावस्ती जिले में 31 साल से फर्जी कागज पर सिपाही नौकरी करता पकड़ा गया। उसे बर्खास्त कर दिया गया और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। जांच में आरोपित के हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट के अंकपत्र कूटरचित मिले हैं।

Deep Pandey लाइव हिन्दुस्तानFri, 21 March 2025 02:15 PM
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यूपी में शिक्षकों के बाद अब 31 साल से फर्जी कागज पर नौकरी करता पकड़ाया सिपाही, चली गई नौकरी, जेल भी

यूपी के श्रावस्ती में फर्जी अभिलेखों से नौकरी करने का सिलसिला नहीं थम रहा है। शिक्षकों के बाद अब एक सिपाही को भी फर्जी कागजात लगाकर नौकरी का आरोपित पाया गया है। मुख्य आरक्षी 31 साल से पुलिस की नौकरी कर रहा था। उसे बर्खास्त कर दिया गया और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। जांच में आरोपित के हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट के अंकपत्र कूटरचित मिले हैं।

गोरखपुर के झंगहा थाना क्षेत्र के रसूलपुर नंबर-दो के मजरा राघव पट्टी पंड़री निवासी देवव्रत यादव पुत्र संगम यादव ने एसपी को शिकायती पत्र देकर भवनाथ पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाया था। शिकायत कर्ता ने बताया था कि उसके गांव निवासी सोनवा थाने में तैनात मुख्य आरक्षी भवनाथ यादव ने कूटरचित दस्तावेज के सहारे वर्ष 1994 में पुलिस आरक्षी की नौकरी प्राप्त की है। शिकायत पर एसपी घनश्याम चौरसिया ने मुख्य आरक्षी भवनाथ यादव के अभिलेखों की जांच कराई। जांच के दौरान पाया गया कि भवनाथ ने पुलिस भर्ती में जो शैक्षिक अभिलेख लगाए थे उसमें हाईस्कूल अंक पत्र जिसका अनुक्रमांक 0709559, प्रमाण पत्र संख्या 0323676, उत्तीर्ण वर्ष 1989 तथा इंटरमीडिएट अनुक्रमांक 395726, प्रमाण पत्र संख्या 001203435, उत्तीर्ण वर्ष 1992 उत्तीर्ण होना दर्शाया गया था। उसके अभिलेखों का सत्यापन माध्यमिक शिक्षा परिषद क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी से कराया गया।

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जहां से प्राप्त आख्या में इन शैक्षिक अनुक्रमांकों की पुष्टि नहीं हुई। इसके साथ ही वर्ष 1992 में सतासी इंटरमीडिएट कॉलेज रुद्रपुर देवरिया से कक्षा 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण दिखाया था। इस स्कूल में भी इस नाम का कोई छात्र दर्ज नहीं मिला। इस तरह जालसाज भवनाथ के शैक्षिक अभिलेख फर्जी साबित हुए। फर्जीवाड़े की पुष्टि होने पर थानाध्यक्ष सोनवा गणनाथ प्रसाद की तहरीर पर मामला दर्ज किया गया। आरोपी को बर्खास्त करते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

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