जेंडर चेंज कराकर सरिता से बने शरद, फिर सहेली से की लवमैरिज, दो साल बाद पत्नी ने दिया बेटे को जन्म
- शाहजहांपुर में जेंड चेंज कराकर सरिता से बने शरद के घर में खुशियां आई हैं। शरद ने महिला से पुरुष बनने के बाद अपनी ही सहेली से लवमैरिज कर ली थी। शादी के दो साल बाद शरद की पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया है।

यूपी के शाहजहांपुर में जेंड चेंज कराकर सरिता से बने शरद के घर में खुशियां आई हैं। शरद ने महिला से पुरुष बनने के बाद अपनी ही सहेली से लवमैरिज कर ली थी। शादी के दो साल बाद शरद की पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया है। बच्चे के जन्म से शरद रोशन सिंह खुशी से फूल नहीं समा रहे हैं। दरअसल शरद सिंह अमर बलिदानी ठाकुर रोशन सिंह के प्रपौत्र हैं। दो साल पहले शरद ने पीलीभीत की रहने वाली रिश्तेदार सविता सिंह से विवाह किया। बुधवार को शरद की पत्नी को प्रसव पीड़ा उठी थी। इसके बाद शरद ने पत्नी को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उन्होंने बेटे को जन्म दिया। दोनों पैरों से दिव्यांग अमर बलिदानी ठाकुर रोशन सिंह की प्रपौत्री सरिता सिंह ने बीएड करने के बाद के बाद वर्ष 2020 में शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद उनको बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक की नौकरी मिल गई। नौकरी मिलने के बाद उन्होंने जेंडर बदलवाने की प्रक्रिया शुरू की थी। डाक्टर ने बताया कि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
इंदौर में बदलवाया था जेंडर
नौकरी मिलने के बाद सरिता से बने शरद ने जेंडर बदलवाने की प्रक्रिया शुरू की थी। वर्ष 2023 में मध्यप्रदेश के इंदौर में उन्होंने लिंग पुनर्निर्धारण सर्जरी कराई, साथ ही कई थैरेपी करवाने के बाद उनके चेहरे पर दाढ़ी-मूंछ आ गई। उनकी आवाज भी भारी हो गई। जेंडर चेंज की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 27 जून 2023 को तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा उनको पुरुष होने का प्रमाण पत्र दिया।
18 साल से शरद का अपनी दोस्त से चल रही थी मोहब्बत
शरद ने बताया था कि बचपन से ही उनके अंदर फीलिंग लड़कों वाली थी। लड़की के रूप में उन्हें भी आम लड़कों की तरह एक लड़की से प्यार हो गया। यह प्यार एकतरफा नहीं था। यह प्यार 18 साल पुराना है। शरद ने बताया कि वह अपनी प्रेमिका के साथ सालों से हैं। उसने भी परिवार से भी विरोध लिया लेकिन उनका साथ नहीं छोड़ा। जब प्रेमिका के घर वाले नरम हुए तो रिश्ता तय हो गया। शरद ने बताया कि 23 नवंबर को वह अपनी प्रेमिका के साथ शादी करेंगे। प्रेमिका उनकी ही बिरादरी की है और दूर की रिश्तेदार है।
बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक हैं शरद सिंह
सरिता सिंह ने पिछले साल जेंडर चेंज करवा लिया था। लिंग परिवर्तन कराकर लड़के के रूप में नई पहचान पाने वाली सरिता सिंह शहीद ठाकुर रोशन सिंह की प्रपौत्री हैं। शरद उनका निक नेम था। सरिता से शरद बनने के बाद उन्हें ट्रांसजेंडर का कार्ड भी दिया गया था और फाइनल मेल का कार्ड बनने की प्रक्रिया जारी है। सरिता सिंह जो अब शरद बन चुकी हैं, बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक हैं। शाहजहांपुर जिले के खुदागंज ब्लाक के गांव नवादा दरोबस्त निवासी और काकोरी कांड के नायक ठाकुर रोशन सिंह की प्रपौत्री सरिता सिंह को 2020 में बेसिक शिक्षा विभाग में बतौर शिक्षक नौकरी मिली थी। पैरों से दिव्यांग सरिता से शरद बनने तक के सफर में कठिनाइयां तो बहुत आईं लेकिन सरिता ने शरद बनने के लिए हर एक परेशानी का सामना किया।
भाई तो मान गए पर मां को राजी करने में थोड़ा वक्त लगा
शरद रोशन सिंह ने बताया कि वह अपना लिंग परिवर्तन कराकर पुरुष बनना चाहते थे लेकिन परिवार में मां को समझाना बहुत कठिन था। इसके चलते मां को समझाने में थोड़ा वक्त लगा। भाई लोग पढ़े-लिखे हैं, इसलिए तुरंत मान गए। उधर, कोई बड़ी परेशानी न खड़ी हो, इसके लिए भाई चिंतित जरूर थे। मां को मना लेने के बाद काउंसलिंग आदि की प्रक्रिया शुरू कराई।