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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़69000 teacher recruitment proved to be BJP scam Akhilesh attacks theyogi government after the High Court s decision

69000 शिक्षक भर्ती भी आखिरकार भाजपाई घपले की शिकार साबित, हाईकोर्ट के फैसले के बाद अखिलेश का सरकार पर हमला

  • यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा की पुरानी मेरिट लिस्ट रद कर तीन महीने के अंदर नई सूची जारी करने के आदेश के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी की योगी सरकार पर हमला बोला है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानFri, 16 Aug 2024 05:42 PM
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यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा की पुरानी मेरिट लिस्ट रद कर तीन महीने के अंदर नई सूची जारी करने के आदेश के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी की योगी सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश यादव ने कहा कि यह शिक्षक भर्ती भी भाजपाई घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार की शिकार साबित हुई। साथ ही यह भी कहा कि नई सूची पर हम लोगों की कड़ी निगाह रहेगी। किसी का हक नहीं मारने देंगे। 

अखिलेश यादव ही नहीं भाजपा की सहयोगी अपना दल एस की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल भी शिक्षक भर्ती की मेरिट पर सवाल उठाती रही हैं। इसकी जांच करके पिछड़े और दलित अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने की मांग होती रही थी। अनुप्रिया ने भी इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुृए कहा कि खुद पिछड़ा वर्ग आयोग ने माना था कि इस भर्ती मामले में आरक्षण नियमों की अनदेखी हुई है।

अखिलेश यादव ने फैसला आने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि 69000 शिक्षक भर्ती भी आख़िरकार भाजपाई घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार की शिकार साबित हुई। यही हमारी मांग है कि नये सिरे से न्यायपूर्ण नई सूची बने। इससे पारदर्शी और निष्पक्ष नियुक्तियां संभव हो सकें और प्रदेश में भाजपा काल मे बाधित हुई शिक्षा-व्यवस्था पुनः पटरी पर आ सके। हम नई सूची पर लगातार निगाह रखेंगे और किसी भी अभ्यर्थी के साथ कोई हकमारी या नाइंसाफी न हो, ये सुनिश्चित करवाने में कंधे-से-कंधा मिलाकर अभ्यर्थियों का साथ निभाएंगे। ये अभ्यर्थियों की संयुक्त शक्ति की जीत है। सभी को इस संघर्ष में मिली जीत की बधाई और नव नियुक्तियों की शुभकामनाएं!

क्या है हाईकोर्ट का फैसला

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 की 1 जून 2020 को जारी चयन सूची व 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 की चयन सूची को दरकिनार कर नए सिरे से चयन सूची बनाने के आदेश दिए हैं। यह भी निर्णय दिया है कि सामान्य श्रेणी के लिए निर्धारित मेरिट में आने पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को सामान्य श्रेणी में ही माइग्रेट किया जाएगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार दिए जाने वाले ऊर्ध्वाधर आरक्षण का लाभ, क्षैतिज आरक्षण को भी देना होगा। 

इसके साथ ही न्यायालय ने इसी भर्ती परीक्षा के क्रम में आरक्षित वर्ग के अतिरिक्त 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 की चयन सूची को खारिज करने के एकल पीठ के निर्णय में कोई हस्तक्षेप न करते हुए तीन माह में नई सूची जारी करने की कार्रवाई पूरी कर लेने को कहा है। न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि नई सूची तैयार करने के दौरान यदि वर्तमान में कार्यरत कोई अभ्यर्थी प्रभावित होता है तो उसे सत्र का लाभ दिया जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई पर असर न पड़े। माना जा रहा है कि हाईकोर्ट के फैसले से बड़ी संख्या में टीचरों की नौकरी जाएगी।

गौरतलब है कि लंबे समय से पिछड़े और दलित अभ्यर्थी मेेरिट में संशोधन के लिए आंदोलन कर रहे हैं। अब हाईकोर्ट ने नई मेरिट बनाने का आदेश देकर एक तरफ सरकार को बड़ा झटका दिया है तो दूसरी तरफ सपा और कांग्रेस को हमले का मौका दे दिया है।

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