किशोर के पेट से निकला सेल, ब्लेड के टुकड़े, लोहे का पेच समेत 65 सामान, डॉक्टर भी रह गए हैरान
- यूपी से एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। जहां एक नवीं क्लास के किशोर के पेट से घड़ी में लगने वाले सेल, ब्लेड के टुकड़े और लोहे के पेच समेत 65 सामान ऑपरेशन से निकाले गए। हालांकि इलाज के दौरान किशोर ने दम तोड़ दिया।
यूपी के हाथरस से एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। दरअसल शहर के राजेंद्र लोहिया विद्या मंदिर में नवीं कक्षा में पढ़ने वाले किशोर की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। उसके पेट से घड़ी में लगने वाले सेल, ब्लेड के टुकड़े, लोहे के पेच सहित 65 सामान ऑपरेशन के दौरान निकाले गए। हैरत की बात तो यह है कि पेट में ब्लेड मिलने के बाद भी उसके गले में किसी प्रकार का घाव नहीं था। आखिर बच्चे के पेट में 65 वस्तुएं कहां से पहुंचीं। इस बात से डॉक्टर भी हैरान हो रहे हैं। वहीं, इकलौते बेटे की मौत से पूरा परिवार सदमे में है।
अलीगढ़ जिले के थाना इगलास क्षेत्र के गांव बैलौठ रहने वाले संचित शर्मा का 14 साल का बेटा आदित्य राजेंद्र लोहिया विद्या मंदिर में नवीं कक्षा में पढ़ता था। बच्चे के पिता ने बताया कि 13 अक्टूबर को आदित्य के पेट में दर्द हुआ और उसे सांस लेने में परेशानी होने लगी। तुरन्त उसे शहर के एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां से उसे रेफर कर दिया गया। जिस पर परिजन उसे जयपुर के एसडीएमएच अस्पताल ले गए।
जयपुर से परिजन उसे पांच दिन उपचार के बाद 22 अक्टूबर को घर लेकर आ गए। घर पर आने के बाद आदित्य ने फिर से सांस लेने में दिक्कत होना बताया। जिस पर उसे अलीगढ़ के एक निजी अस्पताल में ले गए। यहां पर जांच कराई गईं, जांच रिपोर्ट सही आईं। फिर से परेशानी होने पर 25 अक्टूबर को अलीगढ़ में डॉक्टर ने नाक का सीटी स्कैन कराया। सीटी स्कैन में नाक में गांठ सामने आई, जिस पर 26 अक्टूबर को ऑपरेशन कर गांठ को निकाल दिया। बच्चे को सांस लेने आ रही दिक्कत दूर हो गई लेकिन पेट में गैस की समस्या बन गई।
आदित्य के पिता की माने तो पेट का 26 अक्टूबर की दोपहर को अलीगढ़ के एक निजी सेंटर पर अल्ट्रासाउंड कराया गया, जिसमें 19 वस्तुएं पेट में दिखाई गईं। जिस पर डॉक्टर ने उसे रेफर कर दिया। परिजन बच्चे को नोएडा के प्राइवेट अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां अल्ट्रासाउंड में 42 वस्तुएं नजर आईं। वहां से भी आदित्य को रेफर कर दिया गया। दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराया गया। डॉ. मेघराज कुन्दन प्रोफेसर सर्जरी विभाग सफदरजंग हॉस्पिटल की टीम से पता लगा कि लगभग 350 ग्राम वजन की 65 वस्तु अलग-अलग प्रकार की जिसमें बैटरी के सैल, नट वोल्ट्स, ब्लेड्स, यूएसबी पोर्ट, सिरिंज सुई के कैप समेत अन्य धातु और प्लास्टिक की वस्तुएं मिली।
अल्ट्रासाउंड देख हैरत में आए डॉक्टर
जिसके बाद 27 अक्टूबर को आदित्य के पेट का ऑपरेशन कर सभी वस्तुओं का बाहर निकाला गया। छह घंटे ऑपरेशन चला। ऑपरेशन के बाद भी पेट में तीन सेल और निकले। लेकिन 28 तारीख की रात में आदित्य की मौत हो गई। शव का पोस्टमार्टम कराया गया।
बच्चे की मौत से परिवार सदमे में
संचित शर्मा के परिवार में एक बड़ी बेटी है और एक बेटा आदित्य था। 28 अक्टूबर की रात को आदित्य की दिल्ली में उपचार के दौरान मौत हो गई। जिससे पूरा परिवार सदमे हैं। परिवार में मातम छा गया है। बच्चे के पिता व अन्य लोग यह बात सोच-सोच कर परेशान हैं कि आखिर उसके पेट में घड़ी में लगने वाले सेल, ब्लेड के टुकड़े सहित 65 वस्तुएं कहां से और कैसे पहुंचीं।
पेट में कोई घाव नहीं
इस मामले में वरिष्ठ सर्जन डॉ. भरत यादव का कहना है कि पेट में या आंत में कोई अनचाही घातक वस्तु पहुंचती है तो वह इन्फेक्शन फैलाती है जिस कारण आंत के उस हिस्से में गलाव आने लगता है और आंत फट जाती है। गंदे प्रोडक्ट के साथ मल भी पेट में भरने लगता है। इसे परफोरेशन पेरीटोनाइटिस बोलते हैं। ऐसे मरीज सर्जन रोज देखते हैं। पर ऐसा अद्भुत केस किसी भी सर्जन ने अपने जीवन में पहली बार देखा होगा जिसमें 65 विभिन्न प्रकार की वस्तु आंत में पायी जाएं और मुंह में खाने की नली व मलद्वार पर कोई घाव ना हो। यह जांच का विषय है।